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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस* के उपलक्ष में *बिशंबर सहाय ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रुड़की* में परिसर के अन्दर मां सरस्वती देवी जी की प्रतिमा का अनावरण बड़ी धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ किया गया।

*अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस* के उपलक्ष में *बिशंबर सहाय ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, रुड़की* में परिसर के अन्दर मां सरस्वती देवी जी की प्रतिमा का अनावरण बड़ी धूम-धाम और हर्षोल्लास के साथ किया गया।

 

देवी जी की प्रतिमा का आज अनावरण संस्थान के सचिव श्री चंद्र भूषण शर्मा जी के कर कमलों द्वारा संपन्न कराया गया।

 

इस अवसर पर संस्थान के सचिव चंद्र भूषण शर्मा जी ने कहा कि यह बड़े गर्व का विषय है कि ज्ञान की देवी, मां सरस्वती जी की प्रतिमा आज हमारे संस्थान परिसर में लगाई गई है। आज उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया इस शुभ कार्य के लिए मैं संस्थान के सभी अध्यापक अध्यापिकाओं एवं कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को बधाई देता हूं।

 

इस अवसर पर संस्थान के कोषाध्यक्ष सौरभ भूषण शर्मा जी ने कहा कि मां देवी सरस्वती जी की प्रतिमा का संस्थान परिसर में अनावरण होने से संस्थान परिसर के वातावरण पर भी एक उत्तम प्रभाव पड़ेगा। हमारे देश में मां सरस्वती देवी जी को ज्ञान की देवी कहा जाता है, और हमारे छात्र-छात्राएं देवी मां सरस्वती जी की पूजा आराधना करते हैं। यह संस्थान के लिए गौरव का क्षण है।

 

इस अवसर पर संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर गौरव भूषण शर्मा जी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन परिसर में मां सरस्वती देवी जी की प्रतिमा का अनावरण यह दर्शाता है की अब वह समय चला गया जब नारी और पुरुषों में भेदभाव नहीं किया जाता तथा आज की नारी पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर हर क्षेत्र में कार्य कर रही है।

 

इस अवसर पर श्री दिवाकर जैन जी ने कहा की महिलाएं इस समाज की आधी आबादी के रूप में हैं और वैसे भी अपने अधिकारों के प्रति आज जागृत हो रही हैं तथा समाज को भी और सशक्त बना रही है।

 

इस अवसर पर विधि विभागाध्यक्ष विवेक उपाध्याय जी ने कहा भले ही आज दुनिया के तमाम देश और हमारा समाज अधिक जागरूक है लेकिन महिलाओं के अधिकारों और हक की लड़ाई अभी भी जारी है। कई मामलों में महिलाओं को आज भी समान सम्मान और अधिकार नहीं मिले हैं। महिलाओं के इन्हीं अधिकार, सम्मान के लिए समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जिससे समाज के इस वर्ग को और जागरूक किया जा सके।

 

इस अवसर पर श्री शाहजेब आलम जी ने कहा कि महिलाएं समाज का एक अहम हिस्सा हैं लेकिन वक्त के साथ महिलाएं समाज और राष्ट्र के निर्माण का एक अहम हिस्सा बन चुकी हैं। घर-परिवार से सीमित रहने वाली महिलाएं जब चारदीवारी से बाहर निकल अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़ी तो उन्हें अभूतपूर्व सफलता मिलने लगी।

 

इस अवसर पर संस्थान परिसर में निम्नलिखित छात्र-छात्राएं व अध्यापक अध्यापिकाएं उपस्थित रहे,

 

विवेक उपाध्याय, सुनील चौहान, विपिन चौधरी, हिमांशु, एमएच अंसारी, हुमा, शाहीन, मंजू , ज्योति, शबनम, मेघा, प्रवीन, वंदना।

 

निम्न छात्र-छात्राएं ने भी भाग लिया :-निशांत (बी फार्मा), गरिमा (बीएमएस), रितेश (बी एड), जीनत (बी एड) तरन्नुम, शिबा, नगमा, पलक, (लॉ डिपार्मेंट), प्रिया, अंकिता, खुशबू, मुस्कान, कोमल, भावना, रोहित, मुजम्मिल, अंशिका, वैशाली,।

समर्थ भारत न्यूज़

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