
जयपुर। केदारनाथ के पास गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार को श्रद्धालुओं को ले जा रहे हेलीकॉप्टर क्रैश में जयपुर के शास्त्री नगर निवासी पायलट राजवीर सिंह चौहान की मौत हो गई थी। मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। कल देर रात उनका शव जयपुर पहुंचा। राजवीर सिंह की अंत्येष्टि में काफी संख्या में लोग पहुंचे। अंतिम यात्रा में उनकी पत्नी राजवीर की तस्वीर लेकर आगे-आगे चलीं। राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे।
राजवीर सिंह चौहान की शादी को 14 वर्ष हो चुके हैं और हाल ही में उनके यहां जुड़वा संतान का जन्म हुआ था। इसी माह बच्चों के होने का कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। साथ ही, राजवीर के माता-पिता की शादी की सालगिरह भी इसी माह है।राजवीर सिंह चौहान भारतीय सेना में लेफ्टिनेट कर्नल रहे हैं और उनकी पत्नी दीपिका चौहान भी लेफ्टिनेंट कर्नल रही है। जब राजवीर की पार्थिव देह जयपुर पहुंची तो पत्नी दीपिका चौहान ने आर्मी की वर्दी में अपने पति के अंतिम दर्शन किए। घर के बाहर सैकड़ों लोगों ने भी राजवीर सिंह के अंतिम दर्शन किए। इस दौरान वर्दी में उपस्थित दीपिका चौहान राजवीर की शरीर से लिपट कर रोने लगी। उनके माता-पिता और भाई भी बिलखते रहे। 4 महीने पहले ही राजवीर दो जुड़वां बच्चों के पिता बने थे। इन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है।

भारतीय सेना में 14 वर्ष तक सेवा देने के बाद राजवीर ने परिवार के लिए निजी क्षेत्र चुना था, लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। रविवार को सुबह 5:20 बजे कंट्रोल रूम को भेजा उनका संदेश, ‘लैंडिंग के लिए लेफ्ट टर्न कर रहा हूं’, आखिरी संदेश बन गया।पड़ोसियों का कहना है कि पायलट राजवीर बेहद विनम्र, मिलनसार और मदद के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले व्यक्ति थे। वह युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देना उनका स्वभाव था। हमने सिर्फ एक पायलट ही नही? एक सच्चा दोस्त खो दिया।

राजवीर ने सेना में रहते हुए कई जोखिम भरे मिशन पूरे किए। पिछले वर्ष अक्टूबर में उन्होंने आर्मी एविएशन से रिटायर होकर निजी क्षेत्र में बतौर पायलट काम शुरू किया, ताकि परिवार को समय दे सकें। बीस दिन पहले जब वे घर आए थे, तो जुड़वां बेटों के साथ खेलते वक्त उनकी आंखों में पिता बनने की चमक साफ दिखती थी।
