
पंडित गोविंद बल्लभ पंत पर्यावरण सुरक्षा एवं शिक्षक कल्याण समिति के महासचिव सुप्रसिद्ध पर्यावरण विद एवं समाजसेवी एडवोकेट प्रभाकर पंत ने कहा कि समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि सरकार अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को बंद करने पर विचार कर रही है। उनका कहना है कि राज्य सरकार के द्वारा पूर्व में ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत प्रारंभ किए गए अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाते हुए वे यथावत संचालित हों। उन्होंने कहा कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर तपके के मेधावी छात्रों को मुफ्त में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा मिल रही है। इस योजना के संचालित होने से विद्यालयों में छात्र संख्या में अपेक्षित वृद्धि हुई है। उनका कहना है कि किसी भी नयी योजना में प्रारंभ में कुछ तकनीकी और व्याहारिक दिक्कतें आती हैं लेकिन धीरे-धीरे सभी कठिनाइयां दूर हो जाएंगी। इन विद्यालयों को भारत के महान सपूत भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के नाम से संचालित किया जा रहा है जिनमें समाज के कमजोर आर्थिक वर्ग के बच्चे कॉन्वेंट स्कूलों की बराबरी की शिक्षा निशुल्क प्राप्त कर रहे हैं जो की सरकार का एक प्रमुख लक्ष्य भी है। एडवोकेट प्रभाकर पंत का कहना है कि जब सन 1977 में वे केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते थे तब केंद्रीय विद्यालयों में पहली बार सीबीएसई व अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई का कार्य शुरू किया गया तो प्रारंभिक वर्षों में कुछ कठिनाइयां रही लेकिन धीरे-धीरे अध्यापकों एवं छात्रों का सामंजस्य ठीक होने से सकारात्मक परिणाम सामने आए। अटल विद्यालयों को संचालित करने का सरकार का निर्णय सराहनीय है और भविष्य में सुखद परिणाम दायक रहेगा। समाजसेवी एवं पर्यावरण विद एडवोकेट पंत ने कहा कि इन विद्यालयों को बंद करने के निर्णय से सरकार की साख गिरेगी।