Latest Update

नगर निगम की संपत्ति को खुर्दबुर्द होने से बचाने की लड़ाई लड़ रहे मेयर गौरव गोयल

रुड़की।नगर निगम का एक ही भूखंड नहीं,बल्कि कई भूखंडों को हथियाने के प्रयास हो रहे हैं,जो भूखंड आवासीय उपयोग के लिए आवंटित हुए उन्हें व्यवसाय में तब्दील कर दिया गया,इतना ही नहीं भूखंड को अपने उपयोग में लाने के बजाय बड़े किराए पर दे दिए गए हैं,इससे जहां नगर निगम को राजस्व की बड़ी क्षति हो रही है,वहीं पूर्व में आवंटित कराए गए भूखंडों के बिक्री का प्रयास किया है।सुबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि जहां पर भी सरकारी भूमि हथियाने की कोशिश हो रही हो या किसी अधिकारी,कर्मचारी स्तर से भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा हो तो इसकी सीधी शिकायत शासन को अथवा मुख्यमंत्री के पोर्टल पर की जाए।सत्ताधारी पार्टी के लोग ऐसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाएं।ऐसे में नगर निगम की बेशकीमती भूखंड हथियाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे है।निगम के बोर्ड की बैठक में यह बात पूरी तरह स्पष्ट भी हो चुकी है कि भाजपा के ही पार्षदों ने सुबोध गुप्ता से संबंधित मामले में भूखंड नवीनीकरण के प्रस्ताव पारित कराया।यह जानते हुए भी कि दो लीज का नवीनीकरण नहीं हो सकता,क्योंकि उनकी अवधि बहुत समय पहले समाप्त हो चुकी है।सुबोध गुप्ता वाले मामले में लीज का नवीनीकरण होते ही संबंधित भूखंडों को बेचने की तैयारी होती।जिला शासकीय अधिवक्ता दीवानी (डीजीसी) संजीव कौशल ने अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी,जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि संबंधित भूखंडों के नवीनीकरण का कोई प्रावधान नहीं है।भूखंड तीस साल के लिए आवंटित हुए,जिनकी आवंटन अवधि वर्ष 1982 में समाप्त हो चुकी है।यह सरकारी भूखंड नगर निगम के हाथों से निकल गए तो आने वाले समय में न जाने और भी कितने भूखंड चले जाएंगे,अब इसके बाद चाहे इसे राजनीतिक मोड़ दे या फिर हर कोई अपने नजरिए से देखा जाए।मेयर गौरव गोयल भी सरकारी भूखंड बचाने के लिए सामने आए,जिसकी लड़ाई वह शासन और नगर स्तर पर लड़ रहे हैं।यह बात अलग है कि सरकारी भूखंड बचाने के फेर में उन्हें तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।सूत्रों के अनुसार तत्कालीन नगर आयुक्त व सहायक नगर आयुक्त से मेयर गौरव गोयल का कोई विवाद हुआ है तो वह सरकारी भूखंडों के नियम विरुद्ध नवीनीकरण के प्रयास को लेकर ही हुआ,जबकि मेयर का साफ कहना है कि जब तक वह मेयर के पद पर हैं,तब तक वह नियम विरुद्ध नवीनीकरण नहीं होने देंगे और नगर के जागरूक नागरिक होने के नाते वह ताउम्र इस लड़ाई को लड़ेंगे।माना जा रहा है कि इसीलिए बुद्धिजीवी वर्ग इस पूरे मामले में मेयर गौरव गोयल के साथ खड़ा है और कई प्रोफेसर,शिक्षक, इंजीनियर व वैज्ञानिक खुले तौर पर कहते हैं कि इस मामले में सभी को मेयर का सहयोग करना चाहिए।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार को भी इस मामले में मेयर को ताकत देकर ऐसे लोगों को चिन्हित कराया जाना चाहिए,जिस प्रकार पेपर लीक मामले में मुख्यमंत्री तथा भाजपा ने संदेश देकर पूरी पारदर्शिता के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस का परिचय दिया उसी प्रकार कथित घोटाले बाजों के विरुद्ध कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

SAMARTH DD NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

SAMARTH DD NEWS