देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि राज्य के सभी मनरेगा श्रमिकों को शीघ्रतापूर्वक भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत आच्छादित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए और इसमें किसी प्रकार की शिथिलता या विलंब स्वीकार्य नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले तीन महीनों के भीतर कम से कम 5 से 6 लाख श्रमिकों को बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत किया जाए। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों के कल्याण के लिए संचालित योजनाएँ तभी प्रभावी सिद्ध होंगी जब अधिकतम श्रमिक इन योजनाओं से सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि श्रम विभाग एवं बोर्ड के अधिकारियों का यह दायित्व है कि वे प्रत्येक श्रमिक तक पहुँच बनाएं और उन्हें सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं एवं सुविधाओं की पूरी जानकारी प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कई बार जानकारी के अभाव में पात्र श्रमिक योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं, जो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि श्रमिकों के कल्याण से जुड़ी किसी भी योजना में लापरवाही या ढिलाई नहीं की जानी चाहिए। सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं की जानकारी पंचायत स्तर तक पहुँचाई जाए और श्रमिकों के पंजीकरण की प्रक्रिया को अभियान रूप में चलाया जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार श्रमवीरों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए संकल्पबद्ध है। श्रमिकों की मेहनत और समर्पण ही राज्य की प्रगति की वास्तविक नींव है, और ऐसे में सरकार का दायित्व है कि उन्हें हर संभव सुरक्षा, सुविधा और सम्मान प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UKBCWB) की बैठक आयोजित हुई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके आश्रितों के कल्याणार्थ ऑनलाइन पोर्टल एवं डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लगभग 10,000 श्रमिकों एवं उनके परिजनों को कुल ₹11 करोड़ 50 लाख की आर्थिक सहायता राशि हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह केवल धनराशि हस्तांतरण का कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारे परिश्रमी श्रमवीरों के प्रति सम्मान एवं आभार प्रकट करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है कि श्रमिकों एवं उनके परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य, विवाह सहायता, मृत्यु उपरांत सहायता जैसी योजनाओं का सीधा लाभ समयबद्ध और पारदर्शी रूप से प्राप्त हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे श्रमिक भाई-बहन राज्य की विकास यात्रा के सच्चे साथी हैं। उनके परिश्रम, त्याग और निष्ठा से ही उत्तराखण्ड का निर्माण संभव हुआ है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि प्रत्येक श्रमिक परिवार को उनकी मेहनत का पूरा सम्मान मिले और उनके बच्चों को एक बेहतर भविष्य प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा संचालित सभी योजनाओं को अब डिजिटल माध्यमों से जोड़ा जा रहा है ताकि पात्र लाभार्थियों तक सहायता शीघ्रता से पहुँच सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय-समय पर श्रमिकों एवं उनके आश्रितों तक बोर्ड की सभी योजनाओं की जानकारी पहुँचाएँ। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी का दायित्व है कि वह श्रमिकों के बीच जाकर उन्हें नई योजनाओं के प्रति जागरूक करें और उन्हें आवेदन एवं लाभ प्राप्त करने की प्रक्रिया में सहयोग दें।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि श्रमिकों को भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए तथा समय-समय पर बोर्ड द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार श्रमवीरों के हर सुख-दुःख में सहभागी है। श्रम और मेहनत का सदैव सम्मान होना चाहिए, क्योंकि मेहनतकश व्यक्ति का भविष्य सदैव उज्जवल होता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने विभागों में भी ऐसी ही दक्ष, पारदर्शी और परिणामोन्मुख व्यवस्था स्थापित करें जिससे जनता को योजनाओं का वास्तविक लाभ समय पर मिल सके और राज्य के राजस्व में सतत वृद्धि सुनिश्चित हो।
बैठक में सचिव श्रीधर बाबू अदाकी, अपर सचिव विनीत कुमार व श्रम विभाग एवं भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधिकारीगण उपस्थित रहे।