आज *बिशंबर सहाय ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूशंस, रुड़की* के मैडिकल डिपार्टमेंट ने महर्षि चरक जयंती के अवसर पर पुष्प अर्पित कर व दिप प्रज्वलित करके जयंती को बड़े धुम धाम से मनाया गया।इस अवसर पर संस्था के सचिव चंद्र भूषण शर्मा जी ने कहा आयुर्वेद ग्रंथ भाव प्रकाश के अनुसार श्रावण मास की पंचमी के दिन आयुर्वेद के महान आचार्य का जन्म हुआ महर्षि चरक आयुर्वेद के विशारद के रूप में जाने जाते हैं।इस अवसर पर संस्था के कोषाध्यक्ष श्री सौरभ भूषण शर्मा जी ने कहा आयुर्वेद को जानने और समझने के लिए आचार्य चरक के चिकित्सा सिद्धांत को समझना बहुत जरूरी है इसलिए आयुर्वेद के चिकित्सकों के बीच आचार्य चरक का महत्व सबसे ज्यादा है। चरक आयुर्वेद के पहले चिकित्सक थे जिन्होंने भोजन के डाइजेशन और रोग प्रतिरोधक क्षमता की अवधारणा को दुनिया के सामने रखा भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में चरक एक महान आयुर्वेद आचार्य के रूप में जाने जाते हैं।इस अवसर पर संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री गौरव भूषण शर्मा जी ने कहा की आयुर्वेद का प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता है जो प्राचीनतम ग्रंथ है जिसमें रोग निरोधक वह रोग नाशक दवाओं का उल्लेख मिलता है इसके साथ ही साथ इसमें सोना चांदी लोहा आदि धातुओं के निर्मित भस्म और उनके उपायों की विधि भी बताई गई है।इन कार्यक्रमों मैं मेडिकल डिपार्टमेंट के सभी छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे।
इस अवसर पर दिवाकर जैन, विवेक वियुद्ध, सुनील चौहान, प्रवीण कुमार, अबाद मोहम्मद, शबनम, प्रवीण, एम०एच० अंसारी, श्रीमती संजना शर्मा, कुमारी वंदना, सुनील कुमार, शाहीन कस्सार, हुमा, ज्यौति, आदि ने भाग लिया ।