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400 मीटर लंबे पहुंच मार्ग का निर्माण नहीं होने की वजह से 62 करोड़ की लागत से बालावाली में गंगा नदी पर बनाया गया पुल अधर में लटका

400 मीटर लंबे पहुंच मार्ग का निर्माण नहीं होने की वजह से 62 करोड़ की लागत से बालावाली में गंगा नदी पर बनाया गया पुल अधर में लटका हुआ है। जिसे अभी तक सड़क से नहीं जोड़ा सका।दरअसल 400 मीटर की लंबे पहुंच मार्ग बनाने के लिए जमीन नहीं मिली है। निजी जमीन पर यह रास्ता तैयार किया जाना था, जिसका अभी तक अधिग्रहण नहीं हुआ। फिलहाल अफसर प्रक्रिया चलने की दावा कर रहे हैं। साल 2016 में बालावाली में गंगा नदी पर 42 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण चालू हुआ था। साल 2019 में इस पुल का रिवाइज स्टीमेट बनाकर भेजा गया। जिसकी लागत बढ़कर 62 करोड़ हो गई। पिछले रिवाइज स्टीमेट के आधार पर 20 करोड़ रुपया भी जारी कर दिया गया था। यह पुल लगभग बनकर तैयार है। हालांकि अभी गाइड बंध का निर्माण होना बाकी है। इस पुल के संग ताज्जुब की बात यह रही कि जब पुल का प्रस्ताव भेजा गया था तो दोनों ओर सड़क से जोड़ने के लिए सरकारी जमीन होने का दावा किया गया था। बाद में जब पहुंच मार्ग निर्माण की बात आई तो जमीन निजी निकल आई। बता दें कि बालावाली पुल को सड़क से जोड़ने के लिए 1200 मीटर लंबा पहुंच मार्ग बनाया जाना है, इसमें 400 मीटर लंबी सड़क सरकारी नहीं है। हालांकि मौके पर संकरी सड़क बनी है, जोकि अभिलेखों में एक उद्योगपति की बताई जा रही है। पहले सड़क की इस जमीन को अधिग्रहण करने की कवायद चली।अब आसपास के रकबे की पैमाइश में एक चकरोड मिली है। जिस पर सड़क बनाने की गुंजाइश को भी तलाशा गया। बाद में यह कवायद भी ठंडे बस्ते में चली गई। अब सड़क निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा या नहीं या सहमति के आधार पर ऐसे ही जमीन ली जाएगी, यह भी साफ नहीं है। 

उत्तराखंड ने पिछले साल कर लिया था अधिग्रहण 

उत्तराखंड सरकार ने अपनी सीमा में अप्रोच रोड के लिए जमीन अधिग्रहण कर बिजनौर लोक निर्माण विभाग के हवाले कर दी थी। पिछले साल मई माह में ही उत्तराखंड सरकार ने जमीन अधिग्रहण कर ली थी। अभी बिजनौर प्रशासन पहुंच मार्ग के निर्माण को लेकर जमीन के मसले में उलझा हुआ है। 

कम होगी 50 किलोमीटर की दूरी बालावाली पुल हरिद्वार और बिजनौर के ट्रैफिक की दशा बदल देगा। पंजाब और हरियाणा की ओर से नैनीताल या मुरादाबाद की तरफ जाने वाले ट्रैफिक को हरिद्वार से आकर वाया नजीबाबाद से होकर निकलना पड़ता है। हरिद्वार से निकलने में पचास किमी की अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है। पुल के चालू होने के बाद ट्रैफिक सहारनपुर से रुड़की और रुड़की से सीधे बालावाली होकर बिजनौर में प्रवेश कर जाएगा। जिसे हरिद्वार नहीं जाना पड़ेगा। 

पुल को पहुंच मार्ग से जोड़ने के लिए जमीन के संबंध में प्रक्रिया चल रही है। संभवत मार्च 2023 तक सड़क बनाकर पुल से ट्रैफिक चालू कर दिया जाएगा। …शीशुपाल, एई लोक निर्माण विभाग

समर्थ भारत न्यूज़
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