
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने 100 वर्ष पूरा कर चुका है ।शताब्दी वर्ष में अनेक कार्यक्रमों के माध्यमों से संघ का विचार घर–घर पहुंच रहा है। राष्ट्र प्रथम के भाव को लेकर डॉ केशव राव बलिराम हेडगेवार जी ने 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में संघ की स्थापना की। संघ के पहले तीन सरसंग चालक पूज्य डॉ हेडगेवार जी, श्री गुरु गोलवलकर जी, श्री बालासाहेब देवरस जी के जीवन और कार्यों को दर्शाता “संघ गंगा के तीन भगीरथ” नाटक अपने आप में अद्भुत है। देश भर में इस नाटक को 100 स्थानों पर करने का संकल्प लिया गया है। नागपुर के 30 कलाकारों द्वारा इसका मंचन अभी तक महाराष्ट्र, मध्य भारत में हो चुका है। अभी उत्तर प्रदेश में चल रहा है। इसी क्रम में उत्तराखंड रुड़की में इसका मंचन 26 दिसंबर को मैक ऑडिटोरियम IIT रूड़की में शाम 4 बजे से होगा। संस्कार भारती रुड़की द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में संघ और संघ के सभी अनुसांगिक संगठनों और सर्व समाज को बुलाया गया है। युवा पीढ़ी को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है ताकि वह भी नाटक के माध्यम से आर आर एस की पृष्ठभूमि, दृष्टि एवं ध्येय को समझ सके।
डॉ राजकुमार ‘राज’ उपाध्याय ने बताया कि संस्कार भारती कला एवं साहित्य का देश का सबसे बड़ा मंच है ।यह प्रस्तुति नाट्य विधा के माध्यम से की जा रही है। नाटक किसी भी कथानक को जीवंत रूप देता है जो दर्शकों के मानस पटल पर जीवन भर के लिए अंकित हो जाता है। नागपुर से आ रहे नाट्य विधा के 30 कलाकारों का सम्मान किया जाएगा। रुड़की नगर को इस प्रस्तुति को देखने का अवसर मिल रहा है। अधिक से अधिक उपस्थिति का आग्रह प्रेस वार्ता में उपस्थित सभी पदाधिकारियों ने किया। इस अवसर पर देश के साहित्य विधा संयोजक डॉ राजकुमार ‘राज’ उपाध्याय, प्रांत कोषाध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव, पूर्व नाट्य संयोजक नरेंद्र आहूजा, विभाग संयोजक पुनीत चौधरी, संरक्षक अशोक शर्मा आर्य, नगर अध्यक्ष भावना शर्मा, सचिव विनय सैनी, उपाध्यक्ष सुशील रावत, विवेक कांबोज, मधुराका सक्सेना, सुगंध जैन ,नीलम मधोक, बीना सिंह, राम शंकर सिंह, अरुण शर्मा, प्रवीण रोड, समय सिंह सैनी आदि उपस्थित रहे।




