उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में एसआईटी शुक्रवार को आयोग के कार्यालय पहुंची। टीम ने अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की।रिकॉर्ड खंगाले और परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्थाओं की जानकारी ली। परीक्षा केंद्रों पर जैमर से सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही एजेंसी के बारे में भी जानकारी ली।
बीते 21 सितंबर को हुई आयोग की स्नातक स्तरीय पदों की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र हरिद्वार जिले के जट बहादुरपुर स्थित सेंटर से आउट हुआ था। मामले में हंगामा हुआ तो रायपुर थाने में केस दर्ज किया गया। उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी और पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश जया बलोनी के नेतृत्व में मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। केस में आरोपी प्रोफेसर सुमन, खालिद की दूसरी बहन हिना और अन्य के खिलाफ जांच चल रही है।
एसआईटी इंचार्ज जया बलोनी शुक्रवार को टीम के साथ थानो रोड स्थित आयोग कार्यालय पहुंचीं। वहां जिम्मेदार अधिकारियों से परीक्षा के मानकों, सुरक्षा प्रोटोकॉल और अन्य व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। टीम ने परीक्षा की गोपनीयता और केंद्रों पर जैमर सुरक्षा के इंतजामों के दस्तावेज मांगे। इसके अलावा आरोपी खालिद और उसकी बहन की तरफ से परीक्षा के लिए किए गए आवेदन के दस्तावेज भी तलब किए।
अफसरों की अपील के बाद भी आंदोलन पर अडिग युवा
यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा निरस्त कराने के साथ ही सीबीआई जांच के लिए आंदोलनरत बेरोजगारों को मनाने पहुंचे डीएम और एसएसपी को बैरंग लौटना पड़ा।
शुक्रवार को परेड ग्राउंड के पास धरनास्थल पर करीब एक घंटे तक दोनों अफसरों ने हर मुमकिन कोशिश की, पर बेरोजगार नहीं माने। डीएम सविन बंसल और एसएसपी अजय सिंह सुबह करीब 12 बजे मौके पर पहुंचे थे। डीएम ने कहा, सरकार एसआईटी जांच करा रही है, जिसकी रिपोर्ट एक महीने में आएगी। तब तक युवा अपना आंदोलन स्थगित करें। अगर किसी के पास साक्ष्य है तो वे एसआईटी को दे सकते हैं। एसएसपी ने कहा कि हर तीन दिन में बेरोजगारों को अपडेट दिया जाएगा, ताकि कुछ संदेहास्पद लगे तो वे सवाल उठा सकें। डीएम ने फिर कहा कि जांच के बाद भी अगर बेरोजगारों को लगता है कि कुछ बिंदु छूट गए हैं तो उनकी बात भी सुनी जाएगी। लेकिन, बेरोजगार सीबीआई जांच की मांग पर अड़े रहे।
कंडवाल ने पूछा-सीसीटीवी में क्यों लगाईं पन्नियां?
बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने अफसरों से पूछा कि कई सेंटरों में परीक्षा कक्षों में लगे सीसीटीवी कैमरों में पन्नियां क्यों लगाई गई थीं। एसएसपी ने तर्क दिया कि सीसीटीवी कैमरे आयोग की तरफ से लगने थे। इसलिए सेंटरों पर पहले से लगे सीसीटीवी कैमरे बंद किए गए या पन्नियां लगाई गईं। कंडवाल ने फिर कहा कि आयोग की ओर से एक भी कैमरा किसी कक्ष में नहीं लगाया गया।
आरोप: सख्त नकल विरोधी कानून को ही नकार रही सरकार
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के पूर्व अध्यक्ष बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि सरकार खुद नकल रोधी कानून को नकार रही है। उन्होंने डीएम और एसएसपी से कहा कि इस कानून में स्पष्ट था कि एक प्रश्न भी बाहर आया तो पेपर लीक माना जाएगा। सरकार तीन पन्ने बाहर आने को भी पेपर लीक नहीं मान रही। यूपी के एक मामले का जिक्र कर दावा किया, वहां के 13 नकल माफिया दून आकर रहने लगे थे। कई फरार हो गए हैं। उन्होंने बीस पेज की एफआईआर भी दिखाई।
डीएम बोले-सीबीआई जांच का विकल्प खुला
डीएम सविन बंसल ने बेरोजगारों को समझाया कि राज्य सरकार ने सीबीआई जांच को नकारा नहीं है, जरूरत पड़ी तो उस पर भी विचार होगा। सीबीआई भी जांच से पहले प्रारंभिक रिपोर्ट मांगती है। ऐसे में शासन प्रारंभिक जांच करा रहा है।
एसएसपी ने युवाओं के संयम को सराहा, डीएम बोले-घर पर करें पढ़ा
एसएसपी ने युवाओं के संयम को जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि पिछले सोमवार से युवा शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार युवाओं के भविष्य को लेकर गंभीर है। उन्होंने युवाओं से सरकार और प्रशासन के साथ सहयोग की अपील की। डीएम ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, वे धरना छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान लगाएं।