रुड़की।दरगाह हजरत निजामुद्दीन औलिया महबूब-ए-इलाही दिल्ली के सज्जादा नशीन सैयद फरीद अहमद निजामी ने कहा है कि भारत सदियों से अध्यात्म और भक्ति का केंद्र रहा है,इसी कारण सूफ़ी-सन्तों ने यहां वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वधर्म समभाव के सन्देश को आम किया,जिस कारण भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व ने अपनाया।सैयद निजामी ने पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक में हाजिरी के पश्चात रुड़की में खानकाहे अताये साबिर पर पत्रकारों से वार्ता में कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज,बाबा फरीद और गुरु नानक देव जैसे संतों ने भारत में विश्व बंधुत्व और मानवतावादी विचारों के माध्यम से दिलों को जोड़ने का काम किया,जिस कारण भारत प्रेम का गुलदस्ता बना।बांग्लादेश ढाका खानकाहे मोइनिया,निजामिया के गद्दीनशीन अल्हाज पीर शम्सुल हक चिश्ती निजामी ने कहा कि भारत की धरती से जो सद्भाव और आध्यत्म की खुशबू फैली उससे सबसे अधिक बांग्लादेश लाभान्वित हुआ।उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सूफी सर्किट के माध्यम से भारत और बांग्लादेश को और करीब लाने की कोशिश की जो,सराहनीय कदम है,इससे पूर्व कलम साधना फाउंडेशन के सचिव व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी ने सज्जादा नशीन सैयद फरीद निजामी,पीर शम्सुल हक चिश्ती निजामी और दिल्ली दरगाह के मीडिया प्रभारी अजहर मसूदी का शाल व फूलमालाओं से स्वागत किया।इस अवसर पर ओम प्रकाश नूर,इमरान देशभक्त, सैयद नफीसुल हसन,सलमान फरीदी,विकास वशिष्ठ भी मौजूद रहे।
सूफी-संतों ने वसुधैव कुटुंबकम और सर्वधर्म समभाव के संदेश को आम किया,सैयद निजामी
