शहर की सड़कों की बदहाली अब लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। आज़ाद नगर से शेर सिंह राणा चौक को जोड़ने वाली सड़क, जो डीएवी इंटर कॉलेज से होकर गुजरती है, पिछले कुछ समय से मौत के गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। हर बार जब इस सड़क पर गड्ढे बनते हैं, तो जिम्मेदार विभाग केवल मलबा भरकर खानापूर्ति कर देता है। लेकिन कुछ ही समय बाद दूसरी जगह नया गड्ढा उभर आता है।इस समस्या के पीछे सबसे बड़ा आरोप एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) की उस निर्माण संस्था पर लगाया जा रहा है, जिसने यहां पर सिविल लाइन पानी की टंकी और पाइपलाइन का निर्माण कराया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके चलते बार-बार पाइप लीक होते हैं और अब तो पूरी की पूरी सिविल लाइन बैठ गई है।पिछले दिनों #शक्ति राणा के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने इस मामले को लेकर धरना भी दिया था। धरने के बाद भी केवल मलबा भरने की कार्यवाही की गई। लेकिन अब दूसरी जगह फिर से गड्ढा हो गया है। इस कारण न केवल सड़क पर चलने वाले लोग हादसों का शिकार हो रहे हैं, बल्कि सिविल लाइन बैठने से घरों में भी समस्याएं बढ़ गई हैं। न जाने कितने परिवार इस स्थिति से प्रभावित होंगे।जनता का कहना है कि यह समस्या कोई नई नहीं है। इससे पहले भी जब-जब सड़क बनाई गई, हर बार यही हाल हुआ। पहले के मेयर हों या सत्ता में बैठे लोग सभी इस भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन अब तक न तो किसी अधिकारी ने जिम्मेदारी ली है और न ही किसी संस्था ने जवाबदेही तय की है। जांच के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जाती है और समस्या जस की तस बनी रहती है।सबसे बड़ी चिंता यह है कि बरसात के दिनों में पानी भर जाने पर गड्ढे दिखाई नहीं देते। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। जनता रोज़ अपनी जान को जोखिम में डालकर इस सड़क से गुजरने को मजबूर है।अब सवाल यह है कि आखिर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? कब तक मलबा भरकर लोगों की आंखों में धूल झोंकी जाती रहेगी? और कब तक भ्रष्टाचार की आड़ में जनता की जान से खेला जाएगा?