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इस्तीफा नहीं चाहिए, बाहर करो; राहुल गांधी के कहने पर निकाले गए कर्नाटक के मंत्री?

 

कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना को सोमवार को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। खास बात है कि राजन्ना को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का करीबी माना जाता था, लेकिन कहा जा रहा है कि वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस को ही घेरने के चलते उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।

हालांकि, इसे लेकर कांग्रेस या राज्य सरकार ने साफतौर पर कुछ नहीं कहा है।

क्या थी वजह?

एनडीटीवी की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चाहते थे कि राजन्ना को निकाल दिया जाए। खास बात है कि राहुल दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ वोट चोरी के मुद्दे पर ही प्रदर्शन कर रहे हैं। सूत्रों ने यह भी बताया है कि राजन्ना आलाकमान के आदेशों को भी नजरअंदाज कर रहे थे और कई मौकों पर नेतृत्व परिवर्तन की बात कह चुके थे।

राहुल ने दावा किया कि महादेवपुरा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोटर थे। अब इसके बाद राजन्ना ने कह दिया कि कर्नाटक में कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान ही अनियमितताएं हुई थीं। उन्होंने आरोप लगाए कि ये सब ‘उनकी आंखों के सामने हुआ था।’ मंत्री के इस दावे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठा दिए और विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जोर दिया।

रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सिद्धारमैया से मंत्री के बयान को लेकर चर्चा की। कहा जा रहा है कि सिद्धारमैया विधानसभा सत्र के दौरान राजन्ना के खिलाफ कार्रवाई के लिए तैयार नहीं थे। सूत्रों का दावा है कि राहुल गांधी ही राजन्ना को बाहर करना चाहते थे। सूत्रों ने कहा कि आलाकमान ‘राजन्ना को पार्टी से निलंबित करने पर विचार कर रहा है। हाईकमान इस मामले पर वेट एंड वॉच की नीति अपना रहा है।’

न्यूज18 की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वेणुगोपाल ने राहुल गांधी से बात करने पर जोर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सूत्र बताते हैं कि राहुल का मैसेज साफ था, ‘मैं उनके इस्तीफे की बात नहीं कर रहा हूं। उन्हें निकालिए।’

चर्चा में रहे हैं केएन राजन्ना

जून में ही राजन्ना ने दावा किया था कि प्रदेश कांग्रेस में कई पावर सेंटर हैं और सितंबर में बड़ा फेरबदल हो सकता है। उन्होंने कहा था, ‘सितंबर होने दो…। प्रदेश की राजनीति में कुछ होगा। इसकी शुरुआत (सितंबर के बाद) होगी।’ साथ ही उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष में भी बदलाव की बात कही थी। खास बात है कि इस पद पर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार हैं।

उन्होंने दावा किया था कि पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जरकिहोली अगले कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं। तब कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कहा था कि पार्टी की तरफ से खींची गई ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं करनी चाहिए।

SAMARTH DD NEWS

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