
भारतीय जनता पार्टी द्वारा 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल की 50वीं बरसी पर “काला दिवस” के रूप में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन नगर निगम सभागार, रुड़की में किया गया। इस अवसर पर समाज को लोकतंत्र के महत्व और उस पर मंडराए खतरों की जानकारी देने हेतु अनेक वरिष्ठ नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी रहीं, जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री अशोक बेरी जी का विशेष मार्गदर्शन कार्यक्रम को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. मधु सिंह ने की।

इस अवसर पर रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण चौधरी, राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी, देशराज करनवाल, शोभाराम प्रजापति, ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गिरी, भाजपा नेता ललित मोहन अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, मयंक गुप्ता तथा डॉ. राकेश त्यागी मंचासीन रहे।

सभी वक्ताओं ने 25 जून 1975 को भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन करार देते हुए बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल न केवल संविधान की आत्मा पर प्रहार था, बल्कि देशवासियों के मौलिक अधिकारों को कुचलने वाला निर्णय भी था।
सांसद डॉ. कल्पना सैनी ने कहा कि देश में आपातकाल घोषित कर कांग्रेस ने एक तरह से लोकतंत्र की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि उस दौर में विपक्ष के हजारों नेताओं को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के जेल में डाल दिया गया, पत्रकारों की कलम को बंद कर दिया गया, और आम जनता के मौलिक अधिकारों को रौंद दिया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य श्री अशोक बेरी जी ने आपातकाल की विभीषिका को याद करते हुए बताया कि किस प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं अन्य संगठनों से जुड़े हजारों स्वयंसेवकों को झूठे आरोपों में गिरफ्तार कर जेलों में रखा गया। उन्होंने कहा कि जनता की आवाज को कुचलने का यह षड्यंत्र एक भयानक तानाशाही का प्रतीक था।
भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. मधु सिंह ने कहा कि भाजपा आज इस दिन को “काला दिवस” के रूप में इसलिए मनाती है ताकि देश की नई पीढ़ी को यह बताया जा सके कि किस प्रकार लोकतंत्र पर कुठाराघात किया गया था।

विधायक प्रदीप बत्रा ने कहा कि यह दिन हमें यह सीख देता है कि हमें किसी भी परिस्थिति में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्षरत रहना चाहिए। उन्होंने आपातकाल के दौरान जबरन नसबंदी, मीडिया सेंसरशिप और राजनीतिक दमन को आज की पीढ़ी को समझाने की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी , देशराज करनवाल एवं शोभाराम प्रजापति ने आपातकाल को कांग्रेस की सत्ता लोलुपता और संवैधानिक मर्यादाओं के उल्लंघन का चरम उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्ध नागरिकों ने उस समय भारी दमन का सामना करते हुए भी देश की स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा के लिए आवाज उठाई।

ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश गिरी, भाजपा नेता ललित मोहन अग्रवाल, मयंक गुप्ता एवं डॉ. राकेश त्यागी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि यह दिन भारत के इतिहास का सबसे शर्मनाक अध्याय है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए सदैव जागरूक रहने की शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन देशपाल रोड, भीम सिंह एवं सावित्री मंगला द्वारा संयम व सकारात्मक ऊर्जा के साथ किया गया, जिसमें भाजपा नेता सुबोध राकेश, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री अखिल भारतीय सनातन परिषद निरंजनी अखाड़ा सुधांशु वत्स,सुशील त्यागी, पवन तोमर,मास्टर सत्यपाल, रवि राणा,मधुप त्यागी, पंकज नंदा, बीएल अग्रवाल, सोनू धीमान, सतीश सैनी,सुशील रावत, संजय ठाकुर, मंडल अध्यक्ष सुमित अग्रवाल ,बृजमोहन सैनी, अवनीश शर्मा, रवि राणा,धीर सिंह, देवी सिंह राणा, आदेश सैनी, अनिल चौधरी,सर्वेंद्र प्रधान, प्रदीप त्यागी, हर्ष काला,अमित प्रजापति, गीताकार्की, अक्षय प्रताप सिंह, विवेक चौधरी, अरुण लोहान, दिनेश कौशिक, राम गोपाल शर्मा,प्रतिभा चौहान,बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, युवा मोर्चा के सदस्य, वरिष्ठ नागरिक व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम लोकतंत्र की मर्यादाओं की रक्षा एवं जनजागरूकता का प्रतीक बनकर जनमानस को आपातकाल की वास्तविकता से रूबरू कराने का सार्थक प्रयास रहा।