
हरिद्वार।।नगर निगम हरिद्वार द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को प्रभावी रूप से लागू करने हेतु दो वर्ष पूर्व नगर के 144 बड़े कचरा उत्पादक प्रतिष्ठानों) को 215 कम्पोस्टिंग मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं। आज नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार के निर्देश पर निगम की स्वच्छता टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण किया गया।
स्थलीय निरीक्षण टीम में उप नगर आयुक्त श्री दीपक गोस्वामी एवं मुख्य सफाई निरीक्षक श्री अर्जुन सिंह उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कुछ प्रतिष्ठानों में कम्पोस्टिंग मशीनों का प्रयोग सुचारु रूप से किया जा रहा है, जबकि कई स्थलों पर मशीनों का संचालन अपेक्षित स्तर पर नहीं है और वहाँ सुधार की आवश्यकता है। नगर आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि नगर क्षेत्र के सभी ऐसे प्रतिष्ठान, जहाँ प्रतिदिन 100 किलोग्राम से अधिक ठोस कचरा उत्पन्न होता है, उन्हें बल्क वेस्ट जेनरेटर (बीडब्लूजी) की श्रेणी में माना जाएगा और उनके लिए यह अनिवार्य होगा कि वे अपने परिसर में उत्पन्न गीले कचरे का निष्पादन स्वयं करें।

नगर निगम द्वारा पूर्व में जिनको कम्पोस्टिंग मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं, उनमें से प्रत्येक मशीन की क्षमता लगभग 1000 किलोग्राम जैविक कचरे के निष्पादन की है। यह स्पष्ट जिम्मेदारी है कि वे अपने परिसरों में उत्पन्न गीले कचरे का पृथक्करण कर उसका जैविक निष्पादन स्वयं करें। इसी क्रम में नगर आयुक्त द्वारा सभी मुख्य सफाई निरीक्षकों को यह निर्देश भी दिए गए कि वे अपने-अपने वार्डों में स्थापित कम्पोस्टिंग मशीनों की निगरानी करें तथा संबंधित Bulk Waste Generator प्रतिष्ठानों को मशीनों के सही संचालन हेतु दिशा-निर्देश प्रदान करें। नगर निगम हरिद्वार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी बल्क वेस्ट जेनरेटर(बीडब्लूजी ) द्वारा नियमों का पालन नहीं किया गया, तो विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी।
