राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान, रूड़की द्वारा मनाए गए 46वें स्थापना दिवस के दूसरे दिन मुख्य रूप से संस्थान के 7 क्षेत्रीय केन्द्रों के प्रभागाध्यक्ष एवं वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे विभिन्न अनुसंधानों एवं भविष्य के दिशा-निर्देशों की परिचर्चा की गई । उल्लेखनीय है कि रूड़की शहर में राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान का मुख्यालय स्थित है और इसके सात क्षेत्रीय केन्द्र पूरे देश में फैले हुए हैं जो क्रमश: जम्मू (जम्मू-कश्मीर), गुवाहटी (आसाम), पटना (बिहार), भोपाल (मध्यप्रदेश), जोधपुर (राजस्थान)] काकीनाड़ा (आन्ध्र प्रदेश) एवं बेलगांवी (कर्नाटक) में स्थित है। हार्ड रॉक क्षेत्रीय केन्द्र के अध्यक्ष डॉ. बी. वैकटेश ने बताया कि भारत का लगभग 67% हिस्सा पर हार्ड रॉक क्षेत्र में आता है और यह क्षेत्र अक्सर सूखे और बाढ़ की समस्या का सामना करता है।
उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय केंद्र गुवाहाटी के अध्यक्ष डॉ. एस.वी. विजय कुमार ने सातों उत्तर-पूर्वी राज्यों एवं सिक्कम क्षेत्र की विभिन्न जल संबंधी समस्याओं का उल्लेख किया । मध्य-भारत जलविज्ञान क्षेत्रीय केंद्र, भोपाल के अध्यक्ष डॉ. रवि गलकटे द्वारा 2024 और आने वाले दशक में केंद्र द्वारा कि जाने वाली विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों की जानकारी दी। पश्चिमी हिमालय क्षेत्रीय केंद्र जम्मू के अध्यक्ष डॉ पी.जी. जोस द्वारा स्नो-ग्लेशियर संबंधी अध्ययन कार्यों का विवरण दिया गया। बाढ अघ्ययन क्षेत्रीय केंद्र पटना कि विभिन्न गतिविधियों की जानकारी डॉ पंकज मणि द्वारा प्रस्तुत कि गई। डॉ वाई एस आर राव, अध्यक्ष डेल्टा क्षेत्रीय केंद्र काकीनाडा द्वारा भारत के तटीय क्षेत्रों में लवणीय जल गुणवत्ता तथा भूजल संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधानों का विस्तार में विवरण दिया गया। जून 2023 में ही खोले गए नवनिर्मित उत्तर पश्चिमी क्षेत्रीय केंद्र जोधपुर की अध्यक्षा डॉ अनुपमा शर्मा द्वारा केंद्र की भावी योजना के बारे में बताया गया। समापन सत्र के दौरान एनआईएच के निदेशक डॉ. एम. के. गोयल द्वारा आजादी के सौ वर्ष पूरे होने के स्वर्ण काल ¼2047½ में भारत के लिए जल संसाधन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर किये जाने वाले विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान एवं गतिविधियों की विस्तृत रूप-रेखा प्रस्तुत की गई । इस अवसर पर भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान रूड़की के प्रोफेसर डॉ. नवनीत अरोड़ा द्वारा अपनी जीवन शैली को कैसे उत्कृष्ट करें विषय पर व्याख्यान दिया गया । अंत कार्यक्रम के संयोजक डॉ. आर.पी.पाण्डेय कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु सभी का धन्यवाद प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर डॉ. मनीष नेमा, डॉ. राजेश सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. गोपाल कृष्ण, डॉ. अर्चना सरकार, पवन कुमार, दौलत राम, डॉ. पी. के. मिश्रा, कमल कुमार शर्मा एवं महेन्द्र सिंह ने भरपूर सहयोग किया । इस अवसर पर डॉ. सोबन सिंह रावत, डॉ. सुमन्त सिंह, डॉ. मनोहर अरोड़ा, मुकेश शर्मा, विनय त्यागी, जे.पी. पात्रा, काजल, महेन्द्र सिंह , कालजंग छोडेन, ऋचा पाण्डेय, प्रिया गांधी, पदम शर्मा, आदि मौजूद रहे ।