
देहरादून। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में देहरादून जिला प्रशासन द्वारा भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू किए गए 27 बच्चों को शनिवार को इंटेंसिव केयर सेंटर से विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिलाया गया। जिला प्रशासन द्वारा अब तक भिक्षावृत्ति, बालश्रम एवं कूड़ा बीनने में संलिप्त 267 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से 154 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है।
शनिवार को साधुराम इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में विधायक खजान दास एवं जिलाधिकारी सविन बंसल ने इंटेंसिव केयर सेंटर में रखे 27 बच्चों को स्टेशनरी एवं स्कूल यूनिफॉर्म प्रदान कर विद्यालयों में प्रवेश दिलाया। इन 27 बच्चों में से 10 बच्चों का दाखिला प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड में तथा 17 बच्चों का दाखिला साधुराम इंटर कॉलेज में कराया गया। जबकि 127 बच्चों का पूर्व में ही दाखिला कराया जा चुका है।

साधुराम इंटर कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में विधायक खजान दास ने कहा कि देहरादून जिला प्रशासन द्वारा बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए अत्यंत सराहनीय कार्य किया गया है। एक वर्ष पूर्व उठाए गए इस कदम का परिणाम आज हम सभी के सामने है। उन्होंने जिलाधिकारी सविन बंसल एवं जिला प्रशासन की पूरी टीम को इस पुनीत कार्य के लिए साधुवाद दिया। विधायक ने कहा कि अंतिम छोर पर विपरीत परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे निसहाय बच्चों को प्रथम श्रेणी में लाने के लिए जिस सोच और दृढ़ संकल्प के साथ जिला प्रशासन ने कार्य किया है, वह प्रशंसनीय है। इस प्रयास से जहां बच्चों को शिक्षा प्राप्त कर मुख्यधारा में लौटने का अवसर मिला है, वहीं शहर की सड़कों को भिक्षावृत्ति और बालश्रम से मुक्ति भी मिली है। उन्होंने सभी रेस्क्यू किए गए बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए निरंतर पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने इंटेंसिव केयर सेंटर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए वार्षिक पत्रिका का विमोचन भी किया। साथ ही इंटेसिंव केयर सेंटर में छात्र इंद्रजीत को अनुशासन एवं यूनिफार्म, छात्रा रोशनी को रेग्यूलर उपस्थिति एवं पढ़ाई, अनुराधा को करिकुलम गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि समाज में अनेक ऐसे परिवार हैं जो किसी कारणवश मुख्यधारा से वंचित रह जाते हैं। मा0 मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ऐसे वंचित परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है। जिलाधिकारी ने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि परिस्थितियां कैसी भी हों, बच्चों की पढ़ाई को पूरा कराना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 154 बच्चे विद्यालयों से जुड़ चुके हैं, लेकिन अभी पूर्ण सेचुरेशन नहीं हुआ है। यह अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने भिक्षावृत्ति निवारण हेतु इस कार्य में जुड़े सभी एनजीओ, शिक्षकों एवं विभागीय अधिकारियों को बधाई देते हुए इस कार्य को ऑटो मोड में जारी रखने के निर्देश दिए।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि बाल भिक्षावृत्ति निवारण देहरादून जिला प्रशासन की एक महत्वपूर्ण पहल है। रेस्क्यू किए गए बच्चों को प्रीमियम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रशासन हर समय बच्चों को सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। भिक्षावृत्ति निवारण एवं आईसीसी सेंटर संचालन के लिए विभिन्न व्यवस्थाओं हेतु एसओपी भी तैयार की गई है।
कार्यक्रम के दौरान रेस्क्यू बच्चों के अभिभावकों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए जिला प्रशासन द्वारा उनके बच्चों को नया जीवन देने के लिए प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
देहरादून जिला प्रशासन द्वारा दिसंबर 2024 से अब तक 267 बच्चों को भिक्षावृत्ति से रेस्क्यू कर साधुराम इंटर कॉलेज में स्थापित आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर में रखा गया। इनमें 83 बच्चे भिक्षावृत्ति, 117 कूड़ा बीनने तथा 67 बच्चे बालश्रम से रेस्क्यू किए गए। बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने के लिए इंटेंसिव केयर सेंटर में सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाया गया।
जिलाधिकारी के प्रयासों से इंटेंसिव केयर सेंटर में बच्चों की पढ़ाई की उचित व्यवस्था के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा, संगीत, खेल, व्यायाम एवं मनोरंजन की सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। इसके अलावा बच्चों के आवागमन के लिए विशेष कैब की व्यवस्था भी की गई। इस पूरे कार्यक्रम की जिलाधिकारी स्वयं नियमित मॉनिटरिंग करते रहे। मानसिक रूप से सशक्त बनाए जाने के बाद 154 बच्चों का चरणबद्ध तरीके से विभिन्न सरकारी विद्यालयों में दाखिला कराया गया है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, कमांडेट होमगार्ड निर्मल जोशी, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीएम अपूर्वा सिंह, एसडीएम कुमकुम जोशी, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढ़ौडियाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, असारा ट्रस्ट से अमित बलूनी आदि मौजूद थे।




