नवसृजन साहित्यिक संस्था (रजि.) रुड़की के स्थापना दिवस की बेला पर आज संस्था के समन्वयक तथा वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेंद्र कुमार सैनी के गीत संग्रह ” गीत हृदय की धड़कन के” का लोकार्पण होटल दीप रेजिडेंसी रुड़की के सभागार में एक भव्य समारोह में किया गया। इस साहित्यिक आयोजन की अध्यक्षता देश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ द्वारा की गई तथा मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य शिक्षा अधिकारी जनपद पौड़ी डॉ. आनंद भारद्वाज उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सधे हुए शब्दों में रोचक ढंग से संचालन संस्था के कोषाध्यक्ष व नवोदित ग़ज़लकार श्री पंकज त्यागी ‘असीम’ ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर सुविख्यात साहित्यकार डॉ. सम्राट सुधा, वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार डॉ. श्रीगोपाल नारसन, सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार व उपन्यासकार श्री कृष्ण सुकुमार, पूर्व प्रधानाचार्य श्री सुबोध कुमार पुंडीर ‘सरित’ एवं स्कॉलर्स एकेडमी रुड़की के चेयरमैन श्री श्याम सिंह नागयान विराजमान रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ माॅं सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ उसके बाद नगर के वरिष्ठ कवि श्री राम शंकर सिंह द्वारा अपने मधुर कंठ से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। तदोपरांत नवसृजन संस्था का कुलगीत नगर की जानी -मानी कवयित्री एवं शिक्षिका श्रीमती अलका घनशाला द्वारा बहुत ही मधुर स्वर में प्रस्तुत किया गया। सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत नवसृजन संस्था की ओर से उन्हें माल्यार्पण कर तथा एक-एक डायरी व पैन भेंट करके किया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम में उपस्थित सभी सम्मानित सदस्यों का स्वागत भी संस्था ने उन्हें माल्यार्पण कर व एक-एक पैन भेंट करके किया। इसके बाद संस्था के अध्यक्ष श्री नीरज नैथानी ने संस्था के क्रियाकलापों का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया की गत चार वर्षों में इस संस्था ने साहित्यिक क्षेत्र के अलावा सामाजिक तथा शैक्षिक क्षेत्रों में भी सराहनीय कार्य किए हैं तथा निर्धन परिवारों की आर्थिक सहायता भी की है। संस्था द्वारा वर्ष 2021 में रुड़की के 43 कवियों का एक समवेत काव्य संग्रह “सृजन सरोवर” नाम से निशुल्क प्रकाशित कराया गया जो संस्था की एक बड़ी एतिहासिक उपलब्धि है। इस अवसर पर संस्था द्वारा साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु वर्ष 2023 का ‘सृजन शिल्पी’ सम्मान नकद धनराशि सहित नगर के सुविख्यात ग़ज़लकार श्री के पी अनमोल को प्रदान किया गया। इस मौके पर केपी अनमोल ने अपनी एक शानदार ग़ज़ल प्रस्तुत कर सदन की भरपूर तालियाॅं बटोरी।
इसके बाद वरिष्ठ साहित्यकार श्री एसके सैनी के गीत संग्रह ‘गीत हृदय की धड़कन के’ , का विधिवत लोकार्पण किया गया। लोकार्पण के बाद संस्था के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार श्री नीरज नैथानी ने लेखक श्री सैनी का संक्षिप्त परिचय देते हुए उन्हें एक अच्छा कवि व नेक इंसान बताया जो सभी के साथ विनम्रता तथा सहयोग का व्यवहार रखते हैं। गीत संग्रह के बारे में बोलते हुए डॉ. सम्राट सुधा ने कहा कि इस संग्रह का नाम ‘गीत हृदय के’ भी हो सकता था लेकिन जब यह ‘गीत हृदय की धड़कन के’ होता है तो सूक्ष्म हो जाता है जिसे स्पंदनों की मृदुता और क्षणभंगुरता में गंभीरता से समझने की आवश्यकता है। डॉ. श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि प्रस्तुत काव्य संग्रह में सैनी जी ने तीन खंडों में काव्य की तीन प्रमुख विधाओं यथा गीत/ मुक्त छंद कविताएं/ दोहे को श्लाघनीय अभिव्यक्ति प्रदान की है। मुख्य अतिथि डॉ. आनंद भारद्वाज ने बोलते हुए कहा कि श्री एस के सैनी का यह काव्य संग्रह एक महत्वपूर्ण काव्य कृति है जिसकी सभी कविताएं उत्कृष्ट और उम्दा हैं। सुलझी हुई हैं तथा सहज हैं। वैचारिकता और संवेदना इनकी कविताओं में स्पष्ट दृष्टिगोचर है। यह काव्य संग्रह निश्चय ही सबके लिए संग्रहणीय है। वरिष्ठ साहित्यकार श्री कृष्ण सुकुमार ने कहा कि जटिल मानवीय भावनाओं को सहजता एवं सरलता के साथ कविता में ढालने की कला में श्री सैनी जी को दक्षता प्राप्त है। श्री सुबोध पुंडीर ‘सरित’ जी ने गीत संग्रह के संदर्भ में बताया कि सैनी जी के यह गीत भावातिरेक में कवि के हृदय की वह सहज -सरल सरगमी धड़कनें हैं जो सीधे पाठक के हृदय द्वार पर दस्तकें देती हैं। श्री श्याम सिंह नागयान ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री एस के सैनी एक ऐसे कवि हैं जिनकी कविताओं, गीतों व ग़ज़लों में श्रंगार का विरह पक्ष तथा व्यवस्था के प्रति उनके इंकलाबी तेवर समान रूप से देखने को मिलते हैं। अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ जी ने कहा कि श्री सैनी जी एक कोमल व भावुक हृदय के धनी व्यक्ति हैं यही कारण है कि उनकी अनेक कविताओं व गीतों में सताए हुए और दुखी जन की भावाभिव्यक्तियाॅं एवं संवेदनाएं प्रकट होती हैं जबकि कुछ निजी संवेदना व पीड़ा को भी प्रकट करती हैं। उन्होंने एसके सैनी की इस चौथी साहित्यिक कृति के प्रकाशन पर उन्हें अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित की तथा आशा प्रकट की कि वह निरंतर सृजनशील बने रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में संस्था के कार्यक्रम प्रभारी श्री नवीन शरण ‘निश्चल’ ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम में निम्नलिखित साहित्यकारों एवं गणमान्य लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही सर्वश्री पंकज गर्ग, डॉ घनश्याम बादल, डीके वर्मा, अनिल वर्मा अमरोहवी, सौ सिंह सैनी, ओमप्रकाश नूर, डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. संजीव सैनी, श्रीमती रश्मि त्यागी, दीपिका सैनी, विकास त्यागी, शशांक सैनी, रघुवीर सिंह पंवार, प्रदीप सैनी एडवोकेट, माधुरी नैथानी,प्रतिभा नैथानी, ताराचंद एडवोकेट, चंद्रभान सिंह एडवोकेट, दिलीप प्रधान, एचपी काला, सुभाष सरीन, शाहिदा शेख, राजीव सैनी, श्रीमती कमलेश सैनी, सुशील सैनी तथा राजबहादुर आदि ।