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मदरसा इरफानुल उलूम में हुआ सालाना जलसा,इस्लाम की शिक्षाओं को जीवन में उतार पैगंबर के बताए मार्ग पर चलें,मौलाना हुसैन कासमी

रुड़की।मदरसा इरफानुल उलूम रामपुर में हुए सालाना जलसे में हजरत मौलाना मोहम्मद हुसैन कासमी ने कहा कि आखिरी पैगंबरे-इस्लाम हजरत मोहम्मद(सल्ल०)को अल्लाह ने किसी एक कौम का नहीं,बल्कि पूरे आलम के लिए रहमत बनाकर भेजा।मोहम्मद का कार्य किसी एक कौम या मुल्क या दौर के लिए मखसूम नहीं है,वरन् तमाम नौए इंसानी के लिए और तमाम जमानों के लिए आम है।उन्होंने कहा कि एक खुदा की बंदगी और पवित्र आचरण की शिक्षा को हमेशा दुनिया के सच्चे पैगंबर पहले से ही देते रहे हैं और वही हजरत मोहम्मद ने भी दी है‌।आज हमें उन्हीं की शिक्षाओं पर चलने की जरूरत है,जो शिक्षा हमें हजरत मोहम्मद ने दी है।कहा कि आज हमें परस्पर एक दूसरे से मोहब्बत करने,एक दूसरे के पास बैठने और एक दूसरे से मुलाकात करने के साथ ही आपस में एक दूसरे पर खर्च करने की भी जरूरत है।इस्लाम की शिक्षा यह है कि हम सबसे प्रेम करें,सब के शुभचिंतक बन कर रहें और सेवा कार्यों के साथ ही पड़ोसियों का ख्याल रखें।

हजरत मौलाना मोहम्मद अखलाक ने कहा कि पैगंबर के बताए मार्ग पर चलकर ही हमें कामयाबी मिल सकती है।हजरत मोहम्मद ने शांति और सद्भावना का संदेश देकर पूरी दुनिया में इंसानियत को जिंदा किया।उन्होंने कहा कि आज के समय में समाज में विभिन्न प्रकार की बुराइयां बढ़ती जा रही हैं,जिसे हजरत मोहम्मद और कलाम-ए-पाक के बताए रास्ते पर चलकर ही दूर किया जा सकता है।जलसे का आगाज तिलावत-ए-पाक से हुआ।इस अवसर पर मौलाना मोहम्मद आबिद,मुफ्ती मोहम्मद रियासत अली,मौलाना मोहम्मद मुस्लिम कासमी,मौलाना मोहम्मद हारुन कासमी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

SAMARTH DD NEWS

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