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डायग्नोसिस का मानव शरीर पर कोई साईड इफैक्ट नहीं होता: डॉ चौहान

हरिद्वार। ए आई एंड रैटिना स्केनिंग (आईरिस एनालिसिस ) मानव जीवन को सुरक्षित रखने की महत्वपूर्ण तकनीक है उक्त विचार आज इएमए के प्रदेश कार्यालय शिमला बाईपास रोड मेहूवाला माफी देहरादून में प्रदेश अध्यक्ष डा मुकेश चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डा केपी एस चौहान ने व्यक्त किये । डा चौहान ने कहा कि ए आई एंड रैटिना स्केनिंग शारीरिक अंगों के स्वास्थ्य का चित्रण है। आंखों में स्थित आइरिस पार्ट शरीर के अंगों के फिजियोलॉजिकल असामान्य कार्य को दर्शाने के साथ ही भूत, भविष्य और वर्तमान स्थिति को भी बताता है। इलेक्ट्रोहोम्योपैथी में रोगी की चिकित्सा में उपयोगी प्रकृति का भी पता आईरिस एनालिसिस से ही चलता है। आईरिस एनालिसिस से रोगी का डोमिनेंस, अनुवांशिक कारण, तथा गंभीर बीमारी होने का पूर्वानुमान भी स्पष्ट हो जाता है। आईरिस एनालिसिस मानव जीवन को सुरक्षित रखने की महत्वपूर्ण तकनीक है और यह इलेक्ट्रोहोम्योपैथी का रोग निदान का टूल है। 

डा चौहान ने कहा कि सभी चिकित्सक को अपने ही सिस्टम की हर्बल स्पेजरिक मेडिसिन एवं नैदानिक तकनीक आईरिस एनालाइसिस डायग्नोसिस का उपयोग अपने प्रतिष्ठानों में करके रोगियों को लाभान्वित करें , क्योंकि इलेक्ट्रोहोम्योपैथी स्पेजरिक मेडिसिन तथा आइरिस एनालाइसिस (रैटिना स्केनिंग) डायग्नोसिस का मानव शरीर पर कोई साईड इफैक्ट नहीं होता है ।

डा चौहान ने बताया है कि आगामी 11 जनवरी को इलेक्ट्रोहोम्योपैथी के अविष्कारक काउंट सीजर मैटी की 217 वी जन्म जयंती राष्ट्रीय इलेक्ट्रोहोम्योपैथी दिवस के रुप में हरिद्वार स्थित इ एम ए कैम्पस बालाजी इंस्टीट्यूट आफ अल्टर नेटिव मेडिकल साइंस के सभागार में मनाई जायेगी । बैठक मे राष्ट्रीय महासचिव डॉ एन एस टाकुली, केंद्रीय कार्यालय प्रभारी डा ऋचा आर्य, डॉ सी पी रतूड़ी, डॉ डी सी चमोला, डा एम एस कश्यप, डा ज्ञानेशवर शर्मा , डॉ एस के द्विवेदी, डॉ कमलेश खंडूरी , डॉ अबदुल गफफुर , डा आदर्श शर्मा उपस्थित रहे।

SAMARTH DD NEWS

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