
रूड़की। जैन समाज ने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत बुधवार को डीएवी कॉलेज मैदान स्थित अयोध्या नगरी भव्य पंडाल में तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया।सभा में भगवान के ज्ञान कल्याणक महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए अर्हं योग प्रणेता जैन संत मुनिश्री प्रणम्य सागर जी महाराज ने कहा कि ज्ञान कल्याणक का सौभाग्य हरेक को नही मिलता। ज्ञान कल्याणक के पात्रता विशेष जीवों में ही पाई जाती है। मुनि श्री ने कहा कि भगवान का समवशरण बारह कोस और बारह सभाओं वाला है जिसमें मनुष्य, तिर्यंच और देवगति के भव्य पुण्यात्मा जीव ही सम्मिलित होते हैं। उन्होंने कहा कि तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव को जब कैवल्य ज्ञान हुआ तो उस समय समस्त संसार में खुशियां छा गईं। धर्म से जुड़ने का आह्वान करते हुए मुनिश्री ने कहा कि कैवल्य ज्ञान प्राप्ति का पुण्यफल सांसारिक प्राणियों तभी मिलता है जब मनुष्य ऐहिक लालसा छोड़ मुक्तिपथ का मार्ग अपनाता है।सुबह से शाम तक जैन धार्मिक विधि विधान से ज्ञान कल्याणक महोत्सव संबंधी क्रियाएं संपन्न की गई। नित्य नियम और नैमित्तिक के दौरान मांग मंगल, सूरिमंत्र, समवशरण रचना, बोलियां, मंगलाशीष, महाआरती, प्रवचन और भगवान की दिव्यध्वनि जैसे अनुष्ठान भी पूर्ण किए गए।पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन वृहस्पतिवार को तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। तत्पश्चात भगवान का गाजे-बाजे के साथ एवं पूर्ण विधि विधान के साथ तीर्थंकर भगवान की प्राण प्रतिष्ठित मूर्तियों को मौहल्ला कानून गोयान स्थित नवनिर्मित जैन मंदिर में स्थापित किया जाएगा।इस अवसर पर जैन धर्म सभा उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन, प्रधान अनिल कुमार जैन, मंत्री अवनीश कुमार जैन, संयोजक अरिंजय जैन, कोषाध्यक्ष सुभाष चन्द्र जैन, अंकुर जैन, विक्रांत जैन, सुखबीर सिंह जैन, सुलतान सिंह जैन, पंकज जैन, ज्ञान प्रकाश जैन, पुष्पेंद्र कुमार जैन, अशोक कुमार जैन, सुगंध जैन, शुभांगी जैन, निश्चय जैन, सतीश जैन, आरसी जैन, मणी जैन, अतुल जैन, संजय जैन, सुनील जैन, लक्ष्मी जैन, शलभ जैन सहित अनेक क्षेत्रीय गणमान्यजन उपस्थित रहे।




