
अलीगढ़ के जवाहर कॉलोनी में शनिवार को महिला सिपाही हेमलता (वर्ष 2016 बैच) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फंदे से लटका मिला। ड्यूटी पर न पहुंचने पर जब पुलिसकर्मी उसके किराये के मकान पर पहुंचे तो दरवाजा बंद मिला। पड़ोस के घर से भीतर प्रवेश कर देखा गया तो सिपाही आंगन के जाल पर बने फंदे से लटकी मिली। घटना से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
घटना से पहले हेमलता ने व्हाट्सऐप पर स्टेटस लगाया था—
“मेरी वजह से किसी को परेशानी न हो।”
स्टेटस के बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया था।
मूल रूप से आगरा के किरावली तहसील के बैमन गांव की रहने वाली हेमलता रोरावर थाने में तैनात थीं। इससे पहले वह बन्नादेवी थाने में कार्यरत थीं। थाने से करीब एक किलोमीटर दूर जवाहर कॉलोनी में रिटायर्ड दारोगा नरेंद्र सिंह विश्नोई के दोमंजिला मकान की पहली मंजिल पर किराये पर रहती थीं।
शुक्रवार की रात वह ड्यूटी से लौट आई थीं, लेकिन शनिवार सुबह रोरावर थाने नहीं पहुंचीं। पुलिस के अनुसार उन्होंने फोन कर एक दिन की इमरजेंसी छुट्टी भी मांगी थी, जो स्वीकृत कर दी गई थी। बाद में आमद कराने के लिए कॉल किया गया तो फोन रिसीव नहीं हुआ।
कई प्रयासों के बाद भी संपर्क न होने पर रोरावर थाने ने बन्नादेवी पुलिस को मौके पर भेजा।
अंदर से दरवाजा बंद मिलने पर पुलिस पड़ोस के मकान से छत पर पहुंची और फिर आंगन में उतरी। वहां हेमलता का शव नायलॉन की रस्सी से बने फंदे पर लटका मिला।
पड़ोसियों का दावा
पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि घटना से कुछ समय पहले पुलिस के निशान लगी बाइक पर एक युवक को घर पर आते देखा गया था। युवक की पहचान के लिए पुलिस सीसीटीवी और अन्य साक्ष्यों की जांच कर रही है।
परिवार ने लगाया संदेह
हेमलता के पिता कर्मवीर सिंह ने बेटी की मौत को संदिग्ध बताते हुए विस्तृत जांच की मांग की है। परिवार ने बताया कि हेमलता अविवाहित थीं और घरवाले विवाह के लिए रिश्ता तलाश रहे थे।
पुलिस का रुख
प्राथमिक तौर पर पुलिस इसे आत्महत्या का मामला मान रही है, पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।




