
रुड़की/नई दिल्ली।लाल किले के पास हुए हालिया बम धमाके ने एक बार फिर हमारे देश के विवेक को झकझोर कर रख दिया है।यह बयान पसमांदा मुस्लिम उत्थान समिति संघ के राष्ट्रीय मुख्य संरक्षक,सेंट्रल हज एवं सेंट्रल वक़्फ कमेटी के मेंबर रहे औए भारत भारती के उत्तर भारत के प्रभारी इरफिन अहमद ने निर्दोष लोगों की जानें चली जाने और परिवारों के बिखर जाने तथा शांति व भाइचारे को उन कायर लोगों द्वारा भंग कर दिए जाने पर दिया है,जो नफरत और डर पर पलते हैं।उन्होंने कहा कि हम भारत के नागरिक विशेष रूप से पसमांदा और कश्मीरी मुसलमान के रूप में यह हमारा नैतिक,राष्ट्रीय और धार्मिक कर्तव्य है कि हम इस आतंकवादी कृत्य की निस्संदेह निंदा करें और उन ताकतों के विरुद्ध एकजुट हों जो हमारे देश को बाँटने की कोशिश कर रही है।इस्लाम शांति,न्याय और दया का धर्म है।यह निर्दोषों की हत्या की अनुमति नहीं देता और न ही नफरत की राजनीति का समर्थन करता है,जो लोग धर्म के नाम पर ऐसे जघन्य अपराध करते हैं,वे धर्म के रक्षक नहीं,बल्कि उसके सबसे बड़े दुश्मन हैं।हम न केवल उन आतंकवादियों की कड़ी निंदा करते हैं,जिन्होंने यह भयावह और जघन्य हमले को अंजाम दिया,बल्कि उनके हैंडलर्स,वित्तपोषकों और वैचारिक सरगनाओं की भी निंदा करते हैं,जिनमें से कई सीमा पार से भारत की एकता और सद्भाव को कमज़ोर करने की साजिश रचते हैं।उनका उद्देश्य साफ है कि साम्प्रदायिक अविश्वास फैलाना,हमारे संकल्प को कमजोर करना और भारतीय मुसलमानों की छवि को धूमिल करना,लेकिन हम पसमांदा और कश्मीरी मुसलमान उनके एजेंडे को पूरी तरह से खारिज करते हैं।यह त्रासदी हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद का कोई धर्म,कोई जाति और कोई ऐसा उद्देश्य नहीं हो सकता जो हिंसा को उचित ठहराए।हमारी ताकत हमारी एकता,हमारी विविधता और इस महान राष्ट्र के प्रति हमारे साझा प्रेम में निहित है।हम सभी नागरिकों,विशेष रूप से युवाओं से अपील करते हैं कि वे शांत रहें।कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करें और देश के हर हिस्से में शांति और भाईचारे को बनाए रखें।ईश्वर,अल्लाह से प्रार्थना है कि पीड़ितों की आत्माओं को शांति मिले और इस अमानवीय कृत्य के दोषियों को शीघ्र न्याय मिले।आइए,हम सब मिलकर फिर से यह संकल्प लें कि भारत शांति,बहुलता और प्रगति का प्रतीक बना रहेगा।




