
हरिद्वार। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन ने अवगत कराया है कि जिला समाज कल्याण अधिकारी अविनाश भदौरिया द्वारा शिकायत की गई कि उनके द्वारा आज ऋषिकुल आयुर्वेदिक महाविधालय में नशा मुक्त भारत अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया था,जिसमें उपस्थित छात्रों के लिए जलपान के व्यवस्था की गई थी,जिसमें एक्सपायरी डेट के बिंगो चिप्स पाए गए थे।
उन्होंने अवगत कराया है कि जिला समाज कल्याण अधिकारी की शिकायत पर उनके नेतृत्व में टीम गठित करते हुए दीप गंगा शॉपिंग मॉल में अवस्थित महादेव इंटरप्राइजेज की दुकान पर छापे मारी करते हुए जांच की गई,जिसमें उनके द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि गलती से उपलब्ध कराए गए सामग्री में 14 एक्सपायरी डेट के बिंगो चिप्स के पैकेट चले गए थे। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि गठित टीम द्वारा शाम को दुकान पर चेकिंग की गई, चेकिंग के दौरान दुकान पर बीकानो चिप्स 45 ग्राम के 15 पैकेट एक्सपायरी डेट के बरामद हुए।जिन्हें कब्जे में लिया गया है तथा महादेव इंटरप्राइजेज के विरुद्ध माननीय न्यायालय निर्णायक अधिकारी के कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है।उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि जो छात्रों को 14 चिप्स के पैकेट छात्रों को वितरित किए गए थे,जानकारी मिलने पर बच्चों से तत्काल पैकेट वापिस ले लिए गए थे। निरीक्षण अभियान में खाद्य सुरक्षा अधिकारी कैलाश,योगेन्द्र पांडे शामिल रहे।
बच्चों को बांट दिए गए एक्सपायरी डेट के चिप्स
सिडकुल से मंगाए गए थे चिप्स के पैकेट
हरिद्वार: नशा मुक्त भारत अभियान की पांचवी वर्षगांठ पर हरिद्वार के ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज में निजी स्कूल के बच्चों को हानिकारक एक्सपायरी डेट के चिप्स बांट दिए गए है।
इस कार्यक्रम में शहर के विभिन्न स्कूलों के करीब पांच सौ से अधिक बच्चों को बुलाया गया था। कार्यक्रम में सीडीओ ललित नारायण मिश्रा, नगर मेयर किरण जैसल, नगर विधायक मदन कौशिक आदि उपस्थित थे।
वहीं एक्सपायरी डेट की चिप्स सामने आने की घटना के बाद हड़कंप मच गया। आनन फानन में चिप्स के पैकेट बच्चों से वापस लिए गए, लेकिन तब तक कई बच्चे इन चिप्स को खा चुके थे।
वहीं सिडकुल हरिद्वार से चिप्स के पैकेट मंगाए गए थे। जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश भदौरिया ने इस मामले में जांच कराने की बात कही है।
उन्होंने बताया कि कुछ पैकेट पर एक्पायरी डेट 30 अक्टूबर थी और बच्चों से ये पैकेट वापस ले लिए गए और बाकी नहीं बांटे गए।
वहीं बताया जा रहा है कि मौके पर मौजूद सीनियर अधिकारी कुछ पत्रकारों को चुप रहने के लिए बोल रहे थे। लेकिन पत्रकारों ने इसका वीडियो बना लिया। बाद में ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद अधिकारी हरकत में आए और जांच के आदेश कर दिए।




