
साइबर ठगों द्वारा डिजिटल हाउस अरेस्ट कर बसंत विहार देहरादून तथा कालाढूंगी नैनीताल निवासी अलग अलग पीड़ितों से कुल 87 लाख की धनराशि ठगे जाने के मामले में हुआ इस गिरोह का पर्दा फाश
गिरोह द्वारा ग्रेटर मुम्बई पुलिस ऑफिसर एवं सी0बी0आई0 अधिकारी बन Whats App पर वीडियो कॉल/वॉइस कॉल के माध्यम से पीडित को लगभग 48 घण्टे तक रखा गया था डिजिटल अरेस्ट
गिरफ्तार अभियुक्त द्वारा धोखाधडी में प्रयुक्त किये जा रहे बैंक खाते के विरुद्ध देश भर के विभिन्न राज्यों की कुल 24 शिकायतें दर्ज होना पायी गयी तथा उक्त खाते में 9 करोड़ से अधिक धनराशि का पाया गया संदिग्ध लेन देन
अज्ञात साईबर अपराधियों द्वारा स्वयं को टेलीकॉम विभाग का अधिकारी बताकर पीडित की आईडी पर मोबाईल नम्बर लिये जाने की बात कहकर की गयी ऑनलाईन धोखाधडी
तत्पश्चात साईबर अपराधियों द्वारा पीडित को मुम्बई साईबर क्राईम तथा सीबीआई अधिकारी बनकर तथा उनके नाम पर खोले गये केनरा बैंक के खाते में करोडो रूपये का लेनदेन होना बताया गया
पीड़ित को उनके विरूद्ध मनी लाण्ड्रिंग के तहत केस दर्ज होने की बात भी कही गयी
साईबर अपराधियों द्वारा पीडित के सभी बैंक खातों / जमीन संपत्ति का वैरिफिकेशन किये जाने की बात कहकर व्हाटसएप कॉल पर ही डरा धमकाकर कानूनी कार्यवाही का भय दिखा कर डिजिटल अरेस्ट करते हुए विभिन्न खातों में गढ़वाल तथा कुमाऊं के लोगों से कुल 87 लाख रूपये स्थानान्तरित करवाये गये थे
पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड दीपम सेठ (भा0पु0से0) के दिशा निर्देशन व निलेश आनन्द भरणे (भा0पु0से0) पुलिस महानिरीक्षक साईबर / एसटीएफ उत्तराखण्ड के निकट पर्य़वेक्षण में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है ।
अपराध का तरीका
डिजिटल हाउस अरेस्ट एक ऐसा तरीका है जिसमें जालसाज, लोगों को उनके घरों में ही फंसाकर उनसे धोखाधड़ी करते हैं। ये जालसाज फोन या वीडियो कॉल के जरिए डर पैदा करते हैं। साइबर अपराधियों द्वारा बेखबर लोगों को अपने जाल में फंसाकर धोखा देकर उनकी गाढी कमाई का रुपया हडपने के लिये मुम्बई क्राईम ब्रान्च, सी0बी0आई0 ऑफिसर, नारकोटिक्स डिपार्टमेण्ट, साइबर क्राइम, IT या ED ऑफिसर के नाम से कॉल कर ऐसी गलती बताते हुये जो आपने की ही न हो जैसे आपके नाम/ आधार कार्ड आदि आई0डी0 पर खोले गये बैंक खातों में हवाला आदि का पैसा जमा होने अथवा आपके नाम से भेजे गये कोरियर/पार्सल में प्रतिबंधित ड्रग्स, फर्जी दस्तावेज पासपोर्ट आदि अवैध सामग्री पाये जाना बताकर मनी लॉण्ड्रिंग, नारकोटिक्स आदि के केस में गिरफ्तार करने का भय दिखाकर व्हाट्सएप वाइस/वीडियो कॉल, स्काइप आदि के माध्यम से विवेचना में सहयोग के नाम पर अवैध रुप से डिजिटल हाउस अरेस्ट कर उनका सारा पैसा आर0बी0आई0 से जाँच/वैरिफिकेशन कराने हेतु बताये गये खातों में ट्रांसफर करवाकर धोखाधडी को अंजाम दिया जाता है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 नवनीत सिंह (भा0पु0से0) द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक जनपद देहरादून निवासी पीड़ित द्वारा माह सितम्बर 2025 में अभियोग दर्ज कराया जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि अगस्त-सितम्बर 2025 में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा स्वयं को महाराष्ट्र साईबर क्राईम विभाग / सीबीआई से बताते हुए पीडित की आईडी पर मोबाईल नम्बर लिये जाने व उसका गलत प्रयोग के नाम पर व मनी लांड्रिंग के तहत करोड़ों रूपये के लेनदेन होने की बात कही गयी थी । जिसके लिये पीडित के सभी बैंक खातों / जमीन जायजाद का वैरिफिकेशन करने हेतु व्हाटसप वीडियो कॉल पर ही पीडित को “डिजिटली अरेस्ट” करते हुए विभिन्न खातों में कुल 59 लाख रूपये की धनराशि ऑनलाईन धोखाधडीपूर्वक जमा करायी गयी थी ।
प्रकरण की गंम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन तथा सहायक पुलिस अधीक्षक कुश मिश्रा आई0पी0एस0 के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक / विवेचक श्री राजेश सिंह, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, गढ़वाल परिक्षेत्र, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचाकर कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित को डिजिटली अरेस्ट कर उनसे विभिन्न बैंक खातों में धनराशि स्थानान्तरित करवायी गयी । तत्पश्चात प्राप्त डेटा के विश्लेषण से पुलिस टीम द्वारा अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन किया गया । दौराने विवेचना प्रकाश में आया कि उक्त राशि में से ₹41,00,000/- (इकतालीस लाख रुपये) दिनांक 30 अगस्त 2025 को यस (YES) बैंक खाता संख्या (account number) 099026900000152 में स्थानांतरित की गई, जो कि राजेश्वरी GAK एंटरप्राइज के नाम से है, जिसका पता है — नं. 301, साइट नं. 428/7, विष्णु सन्निधि, तीसरी मंजिल, 8वीं क्रॉस, राघवेंद्र स्वामी रोड, राघवेंद्र स्वामी मंदिर, ए सेक्टर, येलहंका (उत्तर), बेंगलुरु पाया गया
उक्त खाते से जुड़े मोबाइल नंबर 9035585938 और 9591726128 (जो ओटीपी के लिए प्रयुक्त हुए) के C.A.F. आईडी विवरणों के अनुसार ये नंबर किरण कुमार के.एस., पुत्र सिद्दप्पा क्याराट्टे, निवासी फ्लैट नं. T14, चौथी मंजिल, डी ब्लॉक, पिरामिड सार्डिनिया अपार्टमेंट, जंकारी मेन रोड, नेहरू नगर, येलहंका ओल्ड टाउन, बेंगलुरु नॉर्थ के नाम पर पंजीकृत पाए गए।
इस संबंध में येलहंका ओल्ड टाउन पुलिस स्टेशन से स्थानीय पुलिस की सहायता से BANK DETAIL/BANK LOGES/CDR/CAF/LBS आदी टेक्निकल detail, support के आधार पर प्रकाश में आये अभियुक्त किरण कुमार को उसके निवास स्थान से पूछताछ हेतु लाया गया। पूछताछ के दौरान बैंक से संबंधित दस्तावेज़, मोबाइल फोन, अपराध में प्रयुक्त सिम कार्ड तथा एक लैपटॉप बरामद किए गए ओर अभियुक्त किरण कुमार को पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर दिनांक 09/11/2025 को ही yehlanka बैंगलोर से गिरफ्तार किया गया ।
जांच में यह भी पाया गया कि उक्त अभियुक्त किरण कुमार के विरुद्ध पूर्व में दिल्ली , साइबर पुलिस स्टेशन, कुमाऊं व देश के अन्य राज्यों में कई अभियोग पंजीकृत है तथा गृह मंत्रालय के NCRP पोर्टल पर इस यस बैंक खाते (099026900000152) से संबंधित कुल 09 करोड से अधिक फ़्रॉड को लेकर संपूर्ण भारतवर्ष में 24 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं।
उपरोक्त तथ्यों के आधार पर, अभियुक्त किरण कुमार को विस्तृत पूछताछ एवं आगे की विवेचना हेतु स्थानीय मजिस्ट्रेट से 06 दिवसीय transit रिमांड प्राप्त किया गया जिसे अग्रिम विवेचना में समय से जनपद देहरादून के स्थानीय कोर्ट में पेश किया जाएगा
नाम पता गिरफ्तार अभियुक्त
(01) KIRAN KUMAR K.S., S/o SIDDAPPA KYARATTE, residing at Flat No. T14, 4th Floor, D Block, Pyramid wat sonia Apartment, Jakkuru Main Road, Nehru Nagar, Yelahanka Old Town, Bengaluru North age 31 yrs.
(02) राजेश्वरी रानी पत्नी मुत्थु स्वामी निवासी MALLESHPALYA बैंगलोर हाल पता तमिलनाडु उम्र 40 yrs. [35(3) BNSS Notice]
बरामदगी गिरफ्तार अभियुक्त
(01) फर्म RAJESHWARI GAK ENTERPRISE, AXIS BANK, खाता संख्या 110099026900000152, की चेक बुक दो ब्लेंक चेक पर खाताधारक राजेश्वरी रानी के हस्ताक्षर भी हैं
(02) फर्म RAJESHWARI GAK ENTERPRISE, AXIS BANK, खाता संख्या 925020016598704,
संबंधित बैंक चेक संख्या – 31,
(03) फर्म SGAKK INNOVATION PRIVATE LIMITED की AXIS BANK LTD, खाता संख्या – 9250200273368 की चेक बुक,
(04) फर्म SGAKK INNOVATION PRIVATE LIMITED की AXIS BANK LTD, BRBL BANK की दूसरी चेक बुक
(05) मोबाइल फोन ब्रांड: OnePlus मॉडल: 7T (HD1901) रंग: Black
(06) मोबाइल फोन ब्रांड: Tecno स्पार्क 30 C – 54 रंग: Black
(07) मोबाइल फोन ब्रांड: Tecno मॉडल: KL-8H रंग: Silver Black
(08) OTP मोबाइल नंबर 9591726128 वाला सिम कार्ड
(09) फर्म में अंकित दूसरा मोबाइल नंबर 9035585938 वाला सिम कार्ड
(10) मुकदमे से संबंधित राजेश्वरी घाक इंटरप्राइजेज के येस बैंक का स्कैनर QR कोड जिस पर इस बैंक की UPI.ID. अंकित है
(11) लैपटॉप विवरण:ब्रांड: DELL रंग: Gray (ग्रे) MODEL- FO.553879F9-DUEC-4864-BBEF सीरियल नं.: 6B3086888789 MAC एड्रेस: SC-61-99-06-53-95 (WITH ADEPTOR)
उपरोक्त मुकदमे की इन्वेस्टिगेशन के दौरान विवादित फर्म राजेश्वरी GAK एंटरप्राइज नं. 301, साइट नं. 428/7, विष्णु सन्निधि, तीसरी मंजिल, 8वीं क्रॉस, राघवेंद्र स्वामी रोड, राघवेंद्र स्वामी मंदिर, ए सेक्टर, येलहंका (उत्तर), बंगलोर के खाता संख्या 099026900000152 के खाता धारक राजेश्वरी रानी पत्नी मुत्थु स्वामी जो वर्तमान में तमिलनाडु में रह रही थी को भी 35(3) BNSS का नियामनुसार नोटिस दिया गया।
पुलिस टीम
(01) निरीक्षक राजेश सिंह
(02) उपनिरीक्षक जगमोहन सिंह
(03) कांस्टेबल सुधीश खत्री
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि अन्जान नम्बरों से आने वाली वीडियो कॉल से बात न करें, न ही कोई सूचना / दस्तावेज दें । यदि कोई आपको पुलिस, सीबीआई, ईडी आदि का अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट करने को डराये धमकाये तो घबरायें नहीं, कोई भी एजेन्सी ऑनलाईन गिरफ्तार नहीं करती है । किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों / फर्जी साईट / धनराशि दोगुना करने के प्रलोभनों में न आयें । साथ ही फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें । गूगल से कोई भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें । तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर या cybecrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।





















