
रुड़की। सतपुरूष बाबा फुलसन्दे वालों ने कहा कि भगवान शिवपुत्र कार्तिकेय की वाणी अजर अमर है। स्वामी कार्तिकेय के अनुसार, वो आदिब्रह्म ज्योतियों की भी ज्योति है, उसके प्रकाश से सब आत्माएं प्रकाशमान हैं। “तद ब्रह्माहम” अर्थात वो ब्रह्म मैं ही हूं, आत्मा में ही वो पुरुष ब्रह्म प्रकाशित हो रहा है।
सतपुरुष बाबा फुलसन्दे वाले आज रामनगर स्थित श्री रामलीला मैदान में आयोजित त्रिदिवसीय दिव्य सत्संग के दूसरे दिन उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म प्रवचन कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि मैं नारायण भवसागर में आत्म ब्रह्म का ध्यान करता हूं, जन्म मरण से परे कहीं ओंकार का गान करता हूं। अगर एक सन्यासी की दृष्टि से तुम संसार को देखोगे, तो कीड़े मकोड़े में, मछली, कछुआ, शूकर तक में तुम्हें वो ही व्यापक ब्रह्म दिखाई पड़ेगा। मत्स्य अवतार, कच्छप अवतार, शूकर अवतार सब में वो ही है और अगर तुम एक पशु की दृष्टि से देखोगे तो संपूर्ण विश्व में, यहां तक कि मनुष्यों के शरीर में भी तुम्हें पशु बुद्धि वाले लोग दिखाई पड़ेंगे। बाबा ने कहा कि नर पशु, नार पशु, जगत पशु, और पशु (अज्ञानी) सकल संसार है, मानुष वो ही हैं जिनमें विवेक-विचार विद्यमान है। अनंत रूप ज्योति-पुरुष मेरे भीतर लहराता है, वो परमात्मा असंख्य रूप मुझ क्षण-क्षण में दिखलाता है, ब्रह्म रूप गुरु के चरणों पर जब आत्मा का चिराग मैंने रख दिया, तब सद्गुरु ने परमब्रह्म का उजाला मेरे मस्तक पर रख दिया। मैंने अनंत ब्रह्म को अपने भीतर देखा है, इस सृष्टि को बनते बिगड़ते हजारों बार ऋषि काक भुशुण्डी के साथ मैंने देखा है। सतपुरुष ने कहा कि वेद वाणी सत्य है, अजर अमर है। श्रद्धालुओं को चाहिए कि वो वेद मन्त्रों का पठन-पाठन, चिंतन-मनन करते हुए जीवन में आत्मसात कर अपने जीवन को सफल बनाएं।

सतपुरूष का सभी श्रद्धालुओं ने दिव्य भव्य स्वागत कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सत्संगी भीमसेन मेहंदीरत्ता ने बताया कि चल रहे इस त्रिदिवसीय दिव्य सत्संग का समापन 29 अक्टूबर को होगा।
आज के सत्संग में समाज सेवी सुशील कुमार गर्ग ज, राममूर्ति मेंहदीरत्ता ,उमेश शर्मा , बहन अल्का,जानकी अरोड़ा ,राजेश शर्मा, उदयभान मेंहदीरत्ता, मनीष श्री वास्तव ,अक्षत भटेजा, राजकुमार उपाध्याय, पार्षद चंद्र प्रकाश बाटा, अनुज आत्रेय ,अमित कपूर आदि मौजूद रहे।




