हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कुमाऊँ द्वार महोत्सव यह केवल एक संस्कृति का उत्सव नहीं है बल्कि यह महोत्सव हमारी अस्मिता हमारी पहचान हमारी जड़ों से जुड़ाव रखता है। हर वर्ष यहां पर प्रतिभाग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव हमारे कलाकारों को भी एक मंच प्रदान करता है, उनकी कला का प्रदर्शन का अवसर देता है और उनको सम्मानित करने का काम भी इस कुमाऊं द्वार महोत्सव के माध्यम से होता है। मुख्यमंत्री ने आयोजन की बधाई देते हुए महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले सभी लोक कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा सभी कलाकार हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह आयोजन स्पष्ट प्रमाण है कि टेक्नोलॉजी और ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में भी हमारे आने वाली पीढ़ी को हमारी जड़ों से जोड़ने का सुंदर कार्य यह महोत्सव कर रहा है, यहॉ के लोक कलाकारों ने भी अपने परिश्रम निष्ठा से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के बीच लाने का कार्य किया है। यहॉं के लोक कलाकार उत्तराखंड की सीमाओं को लांघ कर विदेशों में भी जाकर उत्तराखंड की संस्कृति को दुनिया के बड़े मंच पर प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 में प्रधानमंत्री जी द्वारा हमारे राज्य की जो ब्रह्म कमल की टोपी पहनी थी और उसके बाद पूरे देश और दुनिया में हमारी टोपी आज हमारी पहचान बन गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य की लोक भाषा और संस्कृति के संरक्षण और समर्थन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में लोक कलाकारों की सूची भी तैयार की जा रही है जिससे लोक कलाकारों को सत्यापित करने में सहायता भी मिल रही है ताकि उन्हें समय पर सहायता मिल सके | कार्यक्रम में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत,आई जी रिद्धिमा अग्रवाल, एसएसपी पी एस मीणा, प्रभारी जिला अधिकारी अनामिका, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, लोक कलाकार और बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हल्द्वानी में पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव का किया शुभारंभ
