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एक लावारिस शव व एक मृतक के बच्चे विदेश में हैं,दो अंतिम संस्कार विधि-विधान से किए,सिर्फ एक ही उद्देश्य हर मृतक को कफन नसीब हो,क्रांतिकारी शालू सैनी

रुड़की।लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी ने थाना शहर कोतवाली की सूचना पर व एक मृतक के बच्चे विदेश रहते थे,दोनों की वारिस बनकर अंतिम संस्कार किया।कहा कि होंसला हो तो सब मुमकिन है।साक्षी वेल्फेयर ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष/लावारिसों की वारिस वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर क्रांतिकारी शालू सैनी को लावारिसों के निशुल्क अंतिम संस्कार के लिए वर्ल्ड गिनीज रिकॉर्ड में स्थान प्राप्त हुआ है।लावारिस पुण्य आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर पुण्य आत्माओं को जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिले,ऐसी ईश्वर से प्राथना की,वहीं क्रांतिकारी शालू सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पास संसाधनों का अभाव है,बावजूद इसके भी वे कभी होंसला नहीं हारती,साथ ही उन्होंने ने इस पुनित सेवा कार्यों में इच्छानुसार सहयोग की अपील की।संस्था के 8273189764 गूगल पे कर सकता है।अपनी कमाई से जो

व्यक्ति पुण्य सेवा में लगाता है,तो उसे उसका भी फल जरूर मिलता है।और एक लावारिस को उसका वारिस व अंत समय में किसी को कफन नसीब हो सकता है,क्योंकि ना कोई साथ लेकर कुछ आता ह और ना कोई कुछ लेकर जाता है।उन्होंने सभी से अपील भी की सामाजिक कार्य अकेले नहीं हो सकते,इसलिए वो सभी का सहयोग चाहती है,जिसका इस दुनिया में कोई नहीं है या फिर जो अपनों का अंतिम संस्कार करने में असमर्थ है।उनकी अंतिम बिदाई में सहयोगी जरूर बने।

समर्थ भारत न्यूज़

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