
रुड़की, 30 मई 2025। गुरु नानक सत्संग सभा, गुरुद्वारा नेहरू स्टेडियम रुड़की द्वारा सिखों के पाँचवें गुरु, श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण कीर्तन समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अमृतसर से विशेष रूप से आमंत्रित रागी जत्थे ने गुरबाणी की मधुर एवं भावपूर्ण प्रस्तुतियों से वातावरण को गुरुमयी बना दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत शबद कीर्तन से हुई, जिसमें “तेरा किया मीठा लागे” और “सिर दिया पर सास न दी” जैसे शबदों ने संगत को गुरु अर्जन देव जी की बलिदान भावना से जोड़ दिया। रागी जत्थे की आवाज़ में श्रद्धा, समर्पण और आस्था की झलक स्पष्ट रूप से दिखी।

गुरुद्वारा सभा के प्रधान सरदार सुरेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि गुरु अर्जन देव जी का बलिदान केवल सिख समुदाय ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणा है। उन्होंने शांतिपूर्वक अत्याचारों का सामना करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया, जिससे धर्म और सच्चाई की रक्षा हुई।

सभा के वरिष्ठ सदस्य तिलकराज नंदा ने सिख धर्म के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेवा, समर्पण और परोपकार सिख पंथ के मूल स्तंभ हैं। गुरु अर्जन देव जी ने हर धर्म और जाति के लोगों के लिए “हरमंदिर साहिब” का निर्माण कर समरसता का संदेश दिया।

सरदार तरनजीत सिंह और पूजा नंदा ने भी गुरु जी के जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक घटनाओं को साझा किया और बताया कि कैसे उन्होंने आध्यात्मिक शक्ति और सामाजिक समरसता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर सरदार वीर सिंह, मनोज मेहरा ,पंकज नंदा, राजकुमार शर्मा, अवनीश त्यागी, अमित सोई ,सरदार सतपाल सिंह, सरदार हरचरण सिंह, सरदार जसवीर सिंह , सरदार सतनाम सिंह, सरदार अमरजीत सिंह, सरदार इंद्रजीत सिंह, सरदार कुलदीप सिंह, सरदार सतबीर सिंह, इकबाल सिंह, प्रभजोत सिंह, दीपक अरोड़ा, चरणप्रीत सिंह, सरदार जसप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और गुरु की वाणी में डूबकर आत्मिक शांति का अनुभव किया। गुरुद्वारा परिसर में अटूट लंगर की भी व्यवस्था की गई थी, जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

कार्यक्रम का समापन अरदास और गुरु का लंगर वितरण कर हुआ। गुरु नानक सत्संग सभा द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल श्रद्धांजलि का अवसर रहा, बल्कि गुरु अर्जन देव जी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का एक सार्थक प्रयास भी सिद्ध हुआ।