
कारोबार में घाटा, बढ़ता कर्ज, रोज-रोज की टेंशन, कहीं किसी से कोई मदद नहीं, दुख की घड़ी में अपनों ने भी साथ छोड़ा तो देहरादून का मित्तल परिवार टूटकर बिखर गया. फिर घरवालों ने ऐसा कदम उठाया कि जिससे रूह कांप जाए.कार में घर के सभी सदस्य हरियाणा के पंचकूला आए. यहां सभी ने जहर खाकर जान दे दी. मृतकों में माता-पिता, पति-पत्नी और तीन बच्चे शामिल हैं. इनकी लाशें एक कार में मिली हैं.
इस घटना से हड़कंप मचा हुआ है. जिस कार में ये सातों शव मिले हैं. वह कार पंचकूला के सेक्टर 27 में एक मकान के बाहर सड़क पर खड़ी थी, जिसका नंबर देहरादून का है. यानी परिवार देहरादून का रहने वाला है. मृतकों की पहचान देहरादून के रहने वाले 42 वर्षीय प्रवीण मित्तल, उनके माता-पिता, प्रवीण की पत्नी और 2 बेटी और एक बेटे समेत तीन बच्चों के रूप में हुई है.

कार से मिला एक सुसाइड नोट

बताया जा रहा है कि प्रवीण अपने परिवार के साथ पंचकूला में आयोजित बागेश्वर बाबा की हनुमंत कथा कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. कार्यक्रम खत्म होने के बाद देहरादून वापस जाते हुए उन्होंने सामूहिक आत्महत्या का यह कदम उठाया. पुलिस ने मृतकों के पास कार से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है. हालांकि सुसाइड नोट में क्या लिखा है. इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.

टूर एंड ट्रैवल का था बिजनेस

प्रवीण ने हाल ही में खूब अरमानों के साथ देहरादून में ही टूर एंड ट्रैवल का बिजनेस शुरू किया. उसने अपने कारोबार को बेहतरीन बनाने के लिए खूब पैसा भी लगाया. लेकिन उसे कारोबार में तरक्की नहीं मिली और उसका बिजनेस चल नहीं पाया. ऐसे में अपने पास का एक-एक रुपया कारोबार में लगा चुके प्रवीण बिजनेस न चल पाने की वजह से पूरी तरह कर्ज में डूब गए थे.

कर्ज में डूबा पूरा परिवार खत्म
प्रवीण के पास इतने पैसे भी नहीं बचे थे कि वह अपने परिवार का सही से भरण-पोषण कर ले. इस सब से तंग आकर प्रवीण ने पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने का फैसला किया और पंचकूला में कथा से लौटते समय कार में ही जहर खा लिया. सभी सातों शवों को पंचकूला के प्राइवेट अस्पताल के शव गृह में रखवाया गया है. इस तरह कर्ज तले दबकर एक पूरा परिवार खत्म हो गया.
