
हरिद्वार। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के पावन अवसर पर आज हरिद्वार जनपद में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष्य में हरिद्वार के प्रतिष्ठित स्थल पर स्थित महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर मुख्य रूप से हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, भारतीय जनता पार्टी की जिलाध्यक्ष डॉ. मधु सिंह एवं रुड़की विधायक श्री प्रदीप बत्रा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई, जिसके बाद महाराणा प्रताप की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस दौरान उपस्थित जनसमूह ने ‘महाराणा प्रताप अमर रहें’ के नारों के साथ वीरता, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक महान योद्धा को नमन किया।

हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने संबोधन में कहा, “महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास की वह अमर विभूति हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए जीवनभर संघर्ष किया और कभी किसी के सामने झुके नहीं। उनका त्याग, पराक्रम और स्वाभिमान आज भी हम सभी को प्रेरणा देता है।”

भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ. मधु सिंह ने कहा, “महाराणा प्रताप का जीवन भारत की गौरवशाली परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया। हमें उनके जीवन से यह सीख लेनी चाहिए कि देशहित सर्वोपरि है।”

रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “महाराणा प्रताप का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श है। उनके संघर्ष से हम सबको प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।”

कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित गणमान्य लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे महाराणा प्रताप के आदर्शों को आत्मसात कर समाज और देश की सेवा में समर्पित रहेंगे। इस अवसर पर उपस्थित रहने वालों में देवी सिंहराणा, पवन तोमर, भीम सिंह, प्रवीण संधू,सतीश सैनी, सावित्री मंगला, सौरभ गुप्ता, प्रदीप पाल, ठाकुर संजय सिंह,शेखर राणा पुंडीर, शुभम चौहान ,जितेंद्र राणा ,संजू राणा शशि पुंडीर, अंकुर मुद्गलाना ,मनोज मुंडलाना, आलोक गौतम, बृजमोहन सैनी ,धीर सिंह, गगन सरीन,विनीत त्यागी,उदय सिंह, राजकुमार पुंडीर, कदम सिंह, दाताराम,रश्मि चौधरी, धर्मवीर शर्मा फौजी,एडवोकेट नवीन जैन, कमल सैनी ,इसके अतिरिक्त भाजपा पदाधिकारी गण एवं राष्ट्रीय करणी सेना के पदाधिकारी गण भी उपस्थित रहे

यह आयोजन भारतीय संस्कृति और इतिहास की गहराई को समझने और आने वाली पीढ़ियों तक वीर महाराणा प्रताप की गाथा पहुँचाने का एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ।