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मानवता को जीवित रखना ही मानव सेवा का मुख्य मूल आधार: डीएम

हरिद्वार।।ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के सभागार में “मानवता को जीवित रखना” विषय 2025 पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी कर्मेंद्रसिंह ने कहा कि इंडियन रेडक्रॉस के 7 मुख्य सिद्धांत हैं जिसमें मानवता, निष्पक्षता, तटस्थता, स्वतंत्रता, सेवा भावना, एकता और सार्वभौमिकता मूल आधार हैं। और 2025 का विषय भी “मानवता को जीवित रखना” है। आज जब हम वैश्विक स्तर पर अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं चाहे वह प्राकृतिक आपदाएं हो या मानवीय संकट, इस समय में रेडक्रॉस के कार्य और उसकी सेवा भावना पहले से भी अधिक प्रासंगिक हो गई है। इस दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि मानवता को जीवित रखना ही हमारे मानव सेवा का मुख्य मूल आधार है। इस सेवा के पथ पर छोटी सी किसी जरूरबंद को दी गई मदद उसकी जिंदगी बचा सकती है। और इस प्रकार की सच्ची मानव सेवा रेडक्रॉस के समर्पित स्वयंसेवक के रूप में ही की जाती है। जिलाधिकारी कर्मेंद्रसिंह ने कहा कि जनपद हरिद्वार रेडक्रॉस स्वयंसेवकों ने इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ० नरेश चौधरी के नेतृत्व में विभिन्न प्राकृतिक एवं मानव जनित आपदाओं में जो उत्कृष्ठ और सराहनी चुनौती पूर्ण कार्य किए हैं वह सब अतुलनीय एवं उल्लेखनीय हैं, और जनपद हरिद्वार रेडक्रॉस के सचिव डॉ० नरेश चौधरी स्वयं अग्रणीय रहकर एक सच्चे समर्पित रेडक्रॉस स्वयंसेवक के रूप में जो मानव सेवा करते हैं उससे अन्य स्वयंसेवकों को भी समर्पित सेवा करने के लिए प्रेरणा मिलती है। मुख्य चिकित्साधिकारी/उपाध्यक्ष डॉ० राजेश कुमार सिंह ने कहा कि दूसरों की पीड़ा को कम करना एवं मानवीय गरिमा की रक्षा करने के लिए जो अपना समय दान करते हैं तथा दैनिक जीवन्त रक्षक कार्यों को प्राथमिकता देते हैं वह ही सच्चे समर्पित रेडक्रॉस स्वयंसेवक हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण डॉ० नरेश चौधरी हैं जिन्होंने अपने जीवन में अपने मूल दायित्वों के साथ-साथ अनेकों चुनौतीपूर्ण समर्पित उत्कृष्ठ कार्य किए हैं। जिसका उदाहरण 2013 केदारनाथ दैवीय आपदा, कॉविड-19 जैसी वैश्विक महामारी मुख्य हैं। इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ० नरेश चौधरी ने कहा कि यह वैश्विक उत्सव युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों, मानव जनित आपदाओं जैसे संकटों का सामना करने में स्वैच्छिक सेवा से मानवता की सेवा करने में अपने आप को समर्पित करता है। विश्व रेडक्रॉस दिवस केवल एक आयोजन नहीं है अपितु यह मानवता की उस भावना का उत्सव है जो किसी धर्म, सीमा या राजनीति से परे है। तथा रेडक्रॉस धर्म, जाति, भाषा एवं राष्ट्र से ऊपर उठकर सिर्फ इंसानियत की सेवा करता है। डॉ० नरेश चौधरी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में रेडक्रॉस मानवता को जीवित रखने के लिए जनसमाज में जन जागरूकता अभियान भी चलाएगा जिससे जनसमाज में मानव सेवा की समर्पित भावना से जागृति फैलेगी। इस संगोष्ठी में मुख्य रूप से साक्षी बिष्ट, रिया, शीतल कुकरेती, संपदा रौतेला, कनिष्का डिमरी, गुंजन गुथोलिया, अनन्या गोस्वामी, आंचल चौहान, दिव्यांगी, अंकिता बढानी, तन्नू, अद्रिका गुप्ता ने सक्रिय सहभागिता की।

समर्थ भारत न्यूज़

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