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बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

हरिद्वार। सहकारिता विभाग के अंतर्गत बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समिति के कर्मचारीयो ने केंद्रियत सेवा नियमावली को कर्मचारी विरोधी बताया है। आक्रोशित कर्मचारियों ने जिलाधिकारी हरिद्वार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा कि यदि नियमावली में सुधार नहीं किया गया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

कर्मचारियों की आयोजित सभा में सचिव अनिल सैनी ने कहा कि यह नियमावली सर्वप्रथम 4 जून 2022 को सार्वजनिक की गई थी। इसमें सुझाव मांगे गए जिसके क्रम में आम लोगों जनप्रतिनिधियों सहकारिता की अनुभवी लोगों एवं कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा इस नियमावली में अपने सुझाव रखे गए किंतु आप जब नियमावली कैबिनेट में मंजूर हुई तो कर्मचारियों का आरोप है कि इसमें किसी के भी सुझावों को सम्मिलित नहीं किया गया है

जिससे संपूर्ण प्रदेश के बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियां के कर्मचारियों में भारी रोष उत्पन्न है कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि यह नियमावली ना तो कर्मचारियों के हित में है और ना ही समिति अथवा पैक्स के हित में जिसके चलते संपूर्ण प्रदेश में पैक्स कर्मचारियों द्वारा इस नियमावली का विरोध किया जा रहा है तथा यदि इस नियमावली में सुधार या संशोधन नहीं होता है तो प्रदेश के कर्मचारियों द्वारा आंदोलन किया जाएगा जिसका लिखित पत्र कर्मचारी संगठनों द्वारा निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड को प्रेषित किया जा चुका है कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि इस नियमावली में सहकारी समितियां की मूल भावना से छेड़छाड़ किया गया है तथा समिति के संचालक मंडल बोर्ड के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है और विभाग संपूर्ण नियंत्रण अपने हाथों में लेना चाहता है जिससे सहकारिता के लोकतांत्रिक ढांचे का अस्तित्व समाप्त होता दिख रहा है

सहकारी समितियां में कार्यरत पैक्स सचिव एवं कर्मचारियों की इससे पूर्व राज्य में उत्तर प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी नियमावली 1976 लागू है जिसको अब सरकार उत्तराखंड राज्य गठन की 25 वर्षों बाद नई नियमावली को लागू करने जा रही है जिसमें समिति एवं कर्मचारियों की भारी अनदेखी की गई है साथ ही कर्मचारियों का कहना है कि इस नियमावली में एक नहीं अनेकों खामियां हैं जिसकी गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के समिति कर्मचारियों द्वारा जिले स्तर से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। पुरे प्रदेश में सहकारी समितियों के सचिवों एवं कर्मचारियों द्वारा इस नियमावली का विरोध किया जा रहा है तथा यदि इस नियमावली में सुधार या संशोधन नहीं होता है तो प्रदेश के सचिव / कर्मचारियों द्वारा आंदोलन किया जाएगा जिसका लिखित पत्र कर्मचारी संगठनों द्वारा निबंधक सहकारी समितियां उत्तराखंड को प्रेषित किया जा चुका है। कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि इस नियमावली में सहकारी समितियां की मूल भावना से छेड़छाड़ किया गया है तथा समिति के संचालक मंडल बोर्ड के अधिकारों को खत्म कर दिया गया है और विभाग संपूर्ण नियंत्रण अपने हाथों में लेना चाहता है जिससे सहकारिता के लोकतांत्रिक ढांचे का अस्तित्व समाप्त होता दिख रहा है

इसी क्रम में जनपद हरिद्वार के सचिवों एवं कर्मचारियों द्वारा जिलाधिकारी हरिद्वार के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया गया है ।इस दौरान सचिव अनिल सैनी,अनिल चौहान,विपिन चौहान,प्रताप सिंह,लक्ष्मी दत्त पंत ,सुनील कुमार,अभिषेक चौधरी,प्रवीण कुमार,पंकज कुमार,रविन्द्र सिंह,पंकज ,प्रेम सिंह,बलवंत रावत,लोकेश चौहान,अभय प्रताप, नितिन,मुकुल, अभिषेक,रोहित कुमार, भूपेंद्र कुमार,मिथुन ,आदि मौजूद रहे।

समर्थ भारत न्यूज़

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