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महाकुंभ में तीसरा शाही स्नान पूरा, अब अखाड़ों के साधु-संतों की होगी विदाई, जानें कब लौटेंगे? – पढ़ें

प्रयागराज में शाही स्नान समाप्त: प्रयागराज महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान रविवार, 2 फरवरी को शुरू हुआ और सोमवार, 3 फरवरी को समाप्त हुआ। हिंदू कैलेंडर के अनुसार वसंत पंचमी का त्यौहार दो दिनों तक चलता है।जिसमें दो दिनों तक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। इस तीसरे शाही स्नान के साथ ही अखाड़े के साधु-संत महाकुंभ से विदा हो रहे हैं। अब वह छह साल बाद (2031 में) प्रयागराज में कुंभ मेले में आएंगे। हालांकि, श्रद्धालुओं के लिए अगला पांचवां अमृत स्नान महा मास की पूर्णिमा के दिन 12 फरवरी को होगा। 144 वर्षों के बाद आयोजित महाकुंभ मेला अब समापन की ओर है। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर छठे और अंतिम अमृत स्नान के साथ होगा।

विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों ने सोमवार को तड़के शाही स्नान किया। वे रथों, हाथियों, ऊँटों और घोड़ागाड़ियों पर सवार होकर नदियों के संगम पर पहुँचे। स्नान के बाद साधु-संतों ने अपने शिविरों में पूजा-अर्चना की और प्रयागराज महाकुंभ से प्रस्थान की तैयारी शुरू कर दी।

35 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नान

महाकुंभ में वसंत पंचमी के अवसर पर 62 लाख से अधिक लोगों ने अमृत स्नान किया। अब तक 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। जिसमें मौनी अमावस्या के दिन आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। जबकि मकर संक्रांति के पर्व पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत में डुबकी लगाई।अखाड़ा अब वाराणसी जाएगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि वसंत पंचमी के अवसर पर यह अंतिम शाही स्नान था। अब हम वाराणसी की ओर चलेंगे। मैं श्रद्धालुओं से आग्रह करता हूं कि वे संगम घाट पर अनावश्यक भीड़ न लगाएं। इस अंतिम शाही स्नान के लिए करीब पांच से छह हजार नागा साधु संगम तट पर पहुंचे। शाही स्नान के दौरान अखाड़े अपने देवताओं की मूर्तियों और प्रतीकों के साथ संगम पहुंचे। पुराने अखाड़े के स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा, “आज के विशेष पावन पर्व के अवसर पर हम सुबह 4.30 बजे संगम पर पहुंच गए थे।” माँ सरस्वती का दिन वसंत पंचमी का आध्यात्मिक महत्व है।

महाशिवरात्रि तक चलेगा महाकुंभ

अखाड़े के साधु-संत वसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान कर लौट रहे हैं। विभिन्न अखाड़ों के महामंडलेश्वर, संत और युवा संन्यासी प्रयागराज से रवाना हो रहे हैं। हालांकि मेले में श्रद्धालुओं की आवाजाही जारी रहेगी। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन अंतिम स्नान के साथ होगा।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

तीसरे अमृत स्नान के दौरान हुई भगदड़ के बाद प्रशासन हाई अलर्ट पर है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। महाकुंभ में विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो। उल्लेखनीय है कि वसंत पंचमी 2 फरवरी को सुबह 9.14 बजे शुरू हो गई थी। जो 3 फरवरी को सुबह 6.52 बजे पूरा हुआ। इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। देवी सरस्वती माह के पांचवें दिन प्रकट हुईं। इसलिए इसे शिक्षा और ज्ञान के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

समर्थ भारत न्यूज़

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