
पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक श्री त्रिवेंद्र सिंह पवार जी की असमय निधन पर अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय जी ने कहा स्वर्गीय श्री त्रिवेंद्र सिंह पवार ने राज्य में स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी जी के सानिध्य में सक्रिय भूमिका निभाई l उनके संघर्ष के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री देवगोडा जी ने वार्ता के लिए बुलाया और और लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री देवगोडा ने उत्तराखंड राज्य बनाने की घोषणा की l श्री पवार ने राज्य आंदोलन के लिए भारत की संसद में पत्र -बम फेंका और उत्तराखंड राज्य आंदोलन की तरफ सांसदों का ध्यान आकर्षित किया l राज्य आंदोलन में वह यमुना नदी में गिर गए और गंभीर रूप से घायल हुए उनकी टांग में गंभीर चोटें आई l 1995 में प्रथम बार उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष चुने गए l पुनः त्रिवेंद्र पवार 2011 में उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष चुन लिए गए l वर्तमान में वह उत्तराखंड क्रांति दल के संरक्षक थे l श्री पवार हिमालय पुत्र थे तथा राज्य के हित में उन्होंने हजारों हजार आंदोलन किया तथा और कई बार जेल गए l राज्य मूल निवासियों के हित में सरकारों से लड़ना उन्होंने अपना कर्तव्य समझा l वह कर्तव्य निष्ठा के कारण कभी भी सरकारों की आगे नहीं झुके l वह एक निर्भीक जुझारू एवं ईमानदार नेता थे l उनके योगदान और संघर्ष को उत्तराखंड के लोग कभी नहीं भूलेंगे l ऐसे क्रांतिकारी नेता विरलेही धरती में जन्म लेते हैं l हमने उत्तराखंड का एक सच्चा सिपाही और निर्भीक नेता खो दिया है l उनकी भरपाई नामुमकिन है l हम उनके संघर्ष और योगदान से प्रेरित होकर उनके पथ पर चलने की शपथ लेते हैं l यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी l
भवदीय
किरन रावत

केंद्रीय मीडिया प्रभारी

उत्तराखंड क्रांति दल
