
रुड़की। उगते सूरज को अर्घ्य के साथ लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हो गया। गंगनहर घाटों पर जल्द सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित होनी शुरू हो गई। महिलाओं ने जल के अंदर खड़े होकर सूर्य भगवान को अर्धय दे कर पूजा की गई।
रुड़की के लक्ष्मी नारायण मंदिर,सोलानी पार्क,धोबी घाट,रविदास मंदिर घाट,कश्यप घाट,बाल्मिकी घाट समेत अन्य घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। छठ व्रती सूर्योदय होने के साथ ही भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए सुबह तीन बजे ही पहुंच गए। लोग पहुंचते रहे और छठ घाटों पर प्रसाद के सूप और डालों को सजाकर लोग रखते गए। अल सुबह अंधेरे में छठ घाट दीयों की रोशनी से सज गये और आतिशबाजी होती रही। वहीं उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ व्रती अपने 36 घंटे के निर्जला उपवास को पूरा किया।चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने घर-परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान की मंगलकामना करता है। इसी के साथ चार दिवसीय छठ पूजा का समापन हो गया। पूजा करने वालों के अलावा पूजा देखने के लिए भी घाटों के आसपास लोगों की भारी भीड़ जमा रही।

समिति ने की प्रसाद की व्यवस्था…..

लक्ष्मी नारायण मंदिर घाट के समीप नहर के दोनों किनारों पर पूर्वांचल एकता समिति द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहा। कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति, कांग्रेस महासचिव सचिन गुप्ता, भाजपा नेता डॉ. सौरभ गुप्ता, ओबीसी मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री चौधरी धीर सिंह,लक्ष्मी नारायण मंदिर समिति के अध्यक्ष सुभाष सरीन,सतीश सैनी आदि ने कार्यक्रम में पहुंचकर सभी को छठ पूजा की बधाई दी। उससे पूर्व सभी अतिथियों का समिति के पदाधिकारियों ने फूल मालाओं से स्वागत किया। इस दौरान छठ घाटों को समिति ने बेहतर ढंग से सजाया था भगवान भास्कर का अर्घ्य देने के बाद घाट पर उपस्थित श्रद्धालुओं को ठेकुआ का प्रसाद वितरित किया गया। समिति के संरक्षक सेल टैक्स कमिश्नर अभय कुमार पांडेय ने कहा कि समिति की ओर से प्रतिवर्ष बेहतर व्यवस्था देने का प्रयास किया जाता है और इसमें जनप्रतिनिधियों और नगर वासियों का भरपूर सहयोग मिलता है।
