
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पुलिस ने अवैध मस्जिद पर कार्रवाई की माँग कर रहे हिन्दू प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में पुलिस ने अवैध मस्जिद पर कार्रवाई की माँग कर रहे हिन्दू प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया।शिमला के संजौली में हो रहे इस प्रदर्शन में पुलिस पानी की बौछारें चला रही है। इससे पहले हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने संजौली इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया था ताकि हिन्दू प्रदर्शन ना कर पाएँ।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार (11 सितम्बर, 2022) को हिन्दू संगठनों सहित बड़ी संख्या में हिन्दू शिमला के संजौली में प्रदर्शन करने जा रहे थे। उन्होंने यहाँ प्रदर्शन का ऐलान पहले ही कर दिया था। हिन्दुओं ने इस प्रदर्शन का आह्वान संजौली में अवैध रूप से बनी पाँच मंजिला मस्जिद को गिराने के लिए किया है।

इस प्रदर्शन को देखते हुए सुक्खू सरकार ने पहले ही संजौली इलाके में पुलिस का बंदोबस्त कर दिया था। यहाँ पर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती भी की गई थी। इसके अलावा प्रदर्शनकारी आगे ना बढ़ पाएँ, इसके लिए बड़ी संख्या में बैरिकेड लगाए गए थे। वाटर कैनन भी लगाए गए थे ताकि हिन्दू प्रदर्शनकारी रोके जा सकें।बुधवार को बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए हिन्दू जब संजौली बाजार की तरफ बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए हर हथकंडा अपनाया। प्रदर्शन से पहले ही हिन्दू जागरण मंच के पूर्व महामंत्री कमल गौतम को हिरासत में ले लिया गया। प्रदर्शनकारी अवैध निर्माण तोड़ने की माँग पर अड़े रहे और नारेबाजी करते रहे।जब निहत्थे प्रदर्शनकारी संजौली के पास पहुँचे तो पुलिस ने उन पर लाठियाँ बरसाना चालू कर दिया। बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों ने हिन्दुओं पर लाठियाँ बरसाई। इस लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार मारना चालू कर दिया। लाठीचार्ज में कई हिन्दुओं के घायल होने की भी सूचना है।इस प्रदर्शन में लगातार अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के नारे लग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सुक्खू सरकार संजौली मस्जिद विवाद उठने के लगभग एक सप्ताह बाद भी इसका समाधान नहीं ढूंढ पाई है। संजौली में बनी इस मस्जिद को लेकर विरोध और बढ़ता जा रहा है।

राजधानी शिमला में बनी संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण को हटाने की लम्बे समय से माँग चल रही है। यह मामला हाल ही में मारपीट की एक घटना के बाद और गरमा गया। दरअसल, 31 अगस्त, 2024 को एक स्थानीय युवक यशपाल की मल्याना में मुस्लिम लड़कों से कहासुनी हुई।

इसके बाद मुस्लिम हिंसक हो गए, उन्होंने यशपाल पर हमला कर दिया और उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। बताया गया कि हमला करने वाले यह युवक कुछ देर बाद संजौली की मस्जिद में छुप गए।इसके बाद आसपास के लोगों का गुस्सा भड़क गया। स्थानीय लोग यहाँ इकट्ठा होकर इन युवकों पर कार्रवाई करने की माँग करने लगे।

इसको लेकर पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया गया। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को पकड़ा, जिसमें 2 नाबालिग हैं। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके नाम गुलनवाज, सारिक, सैफ अली और रोहित हैं। इनके साथ दो नाबालिग भी पकड़े गए, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। गिरफ्तार आरोपितों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।इस लड़ाई झगड़े की घटना के बाद यह मस्जिद विवादों के केंद्र में आ गई। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि संजौली की यह मस्जिद पहले कच्ची थी और मात्र दो मंजिल की थी। लेकिन 2010 के बाद इसमें तेजी से पक्का निर्माण किया जाने लगा। देखते देखते यह मस्जिद पाँच मंजिल तक पहुँच गई।
इस मामले में राज्य सरकार ने बताया कि 2010 में जब इस मस्जिद में अवैध निर्माण चालू हुआ तो शिमला नगर निगम ने नोटिस भी भेजे लेकिन निर्माण नहीं रुका। मस्जिद के निर्माण रोकने को लेकर 30-35 नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके आसपास एक अवैध निर्माण को शिमला नगर निगम ने तोड़ा भी था। फिर भी यह पाँच मंजिल मस्जिद शहर के बीचों-बीच खड़ी कर दी गई।

तबसे ही इस मस्जिद को लेकर स्थानीय लोग आंदोलन कर रहे हैं। मस्जिद के अवैध होने की बात हिमाचल सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी कही थी। स्थानीय लोगों को हिन्दू संगठनों की माँग है कि इस अवैध निर्माण को जमींदोज किया जाए और सरकार इसमें ढिलाई ना बरते। हालाँकि, सुक्खू सरकार बता रही है यह मामला अभी कोर्ट में है।
