Latest Update

लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी मौत को मात देकर घर लौटी वापस,सप्ताह भर जूझती रहीं गम्भीर बीमारी से
रुड़की।लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी हरी सब्जी लौकी खाने से करीब एक सप्ताह से जिंदगी और मौत से लड रही थी।नाजुक हालत के चलते एक के बाद एक चार अस्पताल बदले गये।लावरिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी के स्वास्थ्य खराब होने की खबर जब उनके फैंस तक पहुंची,तो अस्पताल में खैरियत पूछने के लिए आसपास के जिलों से आये लोगों का तांता लगा रहा।लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी के जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रतिदिन मंदिरों एवं मस्जिदों में हाजारों हाथ भगवान एवं अल्लाह की इबादत में क्रांतिकारी शालू सैनी की सलामती के उठते थे,जिसकी बदौलत आज क्रांतिकारी शालू सैनी अपने घर और अपने फैंस के बीच मौत को मात देने के बाद वापसी की,जहां पर जनपद मुजफ्फरनगर के साथ-साथ पडोसी जनपदों से भी खैरियत पूछने के लिए शुभ चिंतकों की आवाजाही लगी हुई है।क्रांतिकारी शालू सैनी की हालत को देखने के बाद केवल भगवान से उनकी सलामती और फिर से अपने बीच हंसते-खेलते देखने के दुआएं की गई।एक कहावत सुनी थी जिसका धरातल पर असर भी देखने को मिला है कि “जाको राखें साइयां मार सकै न कोए,बाल न बाका कर सके जो जग बैरी होए”।क्रांतिकारी शालू सैनी को यह मुहावरा पूरी तरह से चरितार्थ कर रहा है।बता दें कि जिस प्रकार से हरी सब्जी लौकी खाने के बाद उनकी हालत खराब हो गई थी,वह इतनी ज्यादा डरावनी थी कि कोई भी देखने के बाद ‘ओ नो‘, केवल भगवान के उपर भरोसा है,सब ठीक करेगा जैसी आवाज निकलती देखी गई थी।

समर्थ भारत न्यूज़

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

समर्थ भारत न्यूज