रूड़की। साकेत कॉलोनी स्थित हरमिलाप धर्मशाला में संगीतमयी रामकथा कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य ओम जी वैदिक महाराज ने राम वनवास और भरत मिलाप की कथा का वर्णन किया।

इसको सुनकर श्रोता भावुक हो उठे। रामकथा की शुरुआत आरती से हुई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। संगीतमयी भजन का दौर चला। इसको सुनकर श्रोता भक्ति के सागर में गोते लगाते दिखे। राम, लक्ष्मण और सीता की सुंदर झांकी भी प्रस्तुत की गई।
राम वनवास से शोक में डूबी अयोध्या कथावचाक ने राम वनवास की कथा सुनाते हुए कहा कि अयोध्या में राम के राजतिलक की तैयारी, कैकेयी के कोप भवन में प्रवेश, राजा दशरथ द्वारा उनकी मनुहार में तीन वरदान देते हुए श्रीराम को वनवास की आज्ञा देना के बाद सीता, लक्ष्मण सहित राम वन की ओर चले तो पूरी अयोध्या नगरी शोक में डूब गई। हर कोई उनके साथ जाने को तैयार हो गया, लेकिन प्रभु राम ने सभी को मना कर दिया और सीता व लक्ष्मण के साथ आगे बढ़ गए।

इसके पश्चात व्यास जी ने प्रभु श्रीराम एवं केवट की मुलाकात के दृश्य को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया श्री राम एवं केवट के बीच के संवाद को सुनकर श्रद्धालुओं का मन भाव विभोर हो गया। तत्पश्चात भरत जी का अपने ननकाने से घर वापसी आना और अयोध्या नरेश राजा दशरथ की मृत्यु का संदेश पाकर भरत और माता कैकई के बीच का संवाद सुनकर श्रद्धालुओं के आंखों से अश्रु बह निकले। आज की कथा सुनकर
श्रद्धालु भावुक हो उठे।आज मुख्य यजमान के रूप में श्री संजय तलवार एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सारिका तलवार, श्री अंकित आर्य एवं उनकी धर्मपत्नी सीमा आर्य उनके पुत्र और पुत्री, श्री कुनाल सचदेवा एवं उनकी धर्मपत्नी कविता सचदेवा, श्री मुकेश कपिल एवं उनकी धर्मपत्नी पूनम कपिल ,श्री सुरेंद्र कुमार सैनी एवं उनकी धर्मपत्नी चंद्रकला सैनी तथा उनका पुत्र चेतन सैनी उपस्थित रहे।मुख्य अतिथि के रूप में श्री सतीश सैनी स्वर्ण गंगा ज्वैलर्स एवं उनकी धर्मपत्नी श्री नवीन जैन एडवोकेट, श्री आदेश सैनी ,श्री नवनीत शर्मा पार्षद श्री हरीश शर्मा पार्षद एवं उनकी अर्धांगिनी श्री मनोज सैनी एवं उनकी अर्धांगिनी संगीता सैनी, श्री रंजीत सिंह एवं उनकी अर्धांगिनी और उनके पुत्र नवजोत सिंह ,रुड़की प्रेस क्लब रजिस्टर्ड अध्यक्ष दीपक शर्मा, श्री चंद्र प्रकाश बाटा पार्षद नगर निगम रुड़की, श्री गौरव कौशिक भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष ,श्रीमती सुनीता गोस्वामी, श्रीमान किशलेजी भाई साहब आदि गण रहे उपस्थित।




