रुड़की । उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राजनीति से हटकर जनता की सेवा के लिए किए गए कार्य सबसे बड़ा पुण्य का काम है तथा मेरी नजर में जन सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने इकबालपुर के निकट भलस्वागाज इंटर कॉलेज में जन सरोकार मिशन सामाजिक सेवार्थ संस्था का शुभारंभ करते हुए कहा कि मैं राजनीति में आने से पूर्व भी जनता के सेवा कर जनता के लिए सेवा कार्यों से जुड़ा रहा। सही मायने में इंसान के जीवन की सार्थकता तभी है जब वह दूसरों के दुख-सुख में काम आए। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री के चारों साल एक जन सेवक के रूप में ही कार्य किया तथा केंद्र सरकार की जो जन कल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में मैंने एक सेवक के रूप में कार्य किया।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां उनके द्वारा लागू की गई पांच लाख की आर्थिक धनराशि स्वास्थ्य बीमा के तौर पर आयुष्मान अटल आयुष्मान योजना जारी की गई,इसके अलावा घसियारी योजना, स्वास्थ्य योजना आदि भी ऐसी ही योजनाएं थी जो आमजन से जुड़ी हुई थी। इस अवसर पर जन सरोकार मिशन के अध्यक्ष प्रोफेसर नरेंद्र सिंह ने विस्तार से जन सरोकार मिशन के बारे में बताते हुए कहा कि यह एक राजनीतिक जनसेवा का मिशन है, जिसकी शुरुआत हम ग्रामीण अंचल से कर रहे हैं, जो बाद में शहरों तक भी अपनी सेवाएं देगा।इस अवसर पर उत्तराखंड पलायन बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व वन अधिकारी शरद सिंह नेगी, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल, एसएस कौशिक, मुकेश राणा ,विशाल राणा आदि मौजूद रहे। शायर अफजल मंगलौरी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री का बुक्का देकर स्वागत किया गया।
मेरी नजर में जन सेवा ही सबसे बड़ा धर्म:त्रिवेंद्र सिंह रावत
