
रुड़की।मदरसा मिसबाह उल उलूम रामपुर में हुए सालाना जलसा एवं दस्तारबंदी कार्यक्रम में आलिमों द्वारा अल्लाह के हुक्म और नबी के तरीके पर जिंदगी गुजारने पर जोर दिया गया।मौलाना हुसैन अहमद ने कुरान और हदीस की रोशनी बयां करते हुए कहा कि अल्लाह और उसके प्यारे नबी के बताए गए रास्ते पर चलकर जिंदगी गुजारोगे तो दुनिया के साथ ही तुम्हारी आखिरत भी आसान हो जाएगी।मौलाना हुसैन अहमद ने आगे कहा कि आज मुसलमान दीन के रास्ते से भटक गया है,इसलिए तमाम परेशानियां उनका पीछा कर रही है।आज हमारे बच्चे बुजुर्गों की इज्जत नहीं करते और औरतें भी पर्दा हो गई है।उन्होंने सभी से दीन के रास्ते पर चलकर अपनी जिंदगी को बसर करने की बात कही और कहा कि तालीम के बिना इंसान का जीवन बेकार है।दीन और दुनिया की तालीम हासिल कर तरक्की की राह में आगे बढ़े।एक छोटा बच्चा बचपन से ही जब पढ़े लिखे माहौल में रहेगा तो बड़ा होकर भी वह अच्छा इंसान बनेगा।उन्होंने उलमाओं की सोहबत में रहने तथा उनसे सबक हासिल करने और उनकी इज्जत व एहतराम करने पर जोर दिया,साथ ही उन्होंने कहा कि निकाह को आसान कर दहेज प्रथा,फिजूल खर्ची,वीडियो ग्राफी,नशाखोरी,सूदखोरी आदि से दूर रहकर सुन्नत तरीके से

निकाह करें।मुफ्ती अब्दुल शमी,मौलाना सलमान तथा मुफ्ती रियासत अली ने भी दीन और दुनियावी तालीम को हासिल करने पर जोर दिया।इस दौरान उन्होंने मदरसे के तीन बच्चों को कुरान हिफ्ज किए जाने पर दस्तार बंदी कर उन्हें बधाई दी।जलसे का आगाज नाते पाक से हुआ तथा जलसे के अंत में मुल्क और सुबे की की तरक्की व अमनों-सलामती के साथ कौम को तरक्की की राह में आगे बढ़ने की दुआ कराई।इस मौके पर मौलाना मुसर्रत अली,मोहम्मद शहजाद,कारी मोहम्मद मोहसिन,हाफिज मोहम्मद शाहिद,हाफिज मोहम्मद वसीम,मौलाना अब्दुल रहीम,मोहम्मद शाहिद,मौलाना फुरकान अहमद,डॉक्टर खुर्शीद,डॉक्टर अफजल,हाफिज मोहम्मद शमी आदि प्रमुख रूप से लोग मौजूद रहे।




