
चमोली। नाबालिग छात्राओं से छेड़छाड़ व यौन शोषण के आरोप में पकड़े गए अतिथि शिक्षक यूनूस अंसारी के मामले में नया खुलासा सामने आया है। आरोपी के पास दो-दो स्थायी निवास प्रमाणपत्र पाए गए हैं—एक नजीबाबाद (बिजनौर, यूपी) का और दूसरा चमोली, उत्तराखंड का। इस दोहरी पहचान ने प्रशासनिक सिस्टम की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार, यूनूस अंसारी मूल रूप से नजीबाबाद का निवासी है, लेकिन उसके पास चमोली जिले का स्थायी निवासी प्रमाणपत्र भी मौजूद है। सवाल यह है कि आखिर एक बाहरी व्यक्ति को चमोली का स्थायी निवासी प्रमाणपत्र कैसे जारी हो गया? क्या इसमें विभागीय लापरवाही है या किसी ने नियमों को ताक पर रखकर यह प्रमाणपत्र जारी किया?
स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि इसे मूल निवासियों के अधिकारों से खिलवाड़ बता रहे हैं। उनका कहना है कि यदि बाहरी लोग इस तरह से दोहरी पहचान बनाकर संवेदनशील पदों पर नियुक्त हो सकते हैं, तो असल हकदारों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं प्रशासन अब उसके दस्तावेजों की जांच में जुट गया है। यह मामला केवल एक आरोपी का नहीं, बल्कि सिस्टम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल बनकर सामने आया है।
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