
रुड़की।किसान मजदूर संगठन सोसाइटी के पदाधिकारियों ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया,जिसमें किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी राजेंद्र सिंह ने उत्तराखंड में हो रहे मूलभूत सुविधाओं को लेकर सौतेले व्यवहार को लेकर बताया कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है,जिसमें हरिद्वार जिले के लिए अलग नियम और पर्वतीय जिलों के लिए अलग- कानून और शेष प्रवृत्तिय जिलों के लिए अलग कानून है।उन्होंने बताया कि जैसे कृषि यंत्रों पर किसानों को अनुदान दिया जाता है।हरिद्वार जिले में कृषि यंत्रों पर 35% अनुदान मिलता है,जिसमें आधे किसानों को दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद में अनुदान नहीं मिलता है।उन्होंने बताया कि जबकि पर्वतीय मूल के जिलों को 80% अनुदान घर बैठकर मिलता है,तो यह हरिद्वार जिले के लिए एक सौतेला व्यवहार है।हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे उन्होंने बताया कि इसके लिए चाहे हमें बड़े से बड़े आंदोलन भी करने पड़े,पर हम हरिद्वार जिले के लिए सौतेला व्यवहार नहीं होने देंगे।मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर उन्होंने बताया कि जिले हरिद्वार में स्थाई निवास प्रमाण पत्र व पर्वतीय जिलों में मूल निवास प्रमाण पत्र यह कहां का कानून है।जिले हरिद्वार के निवासियों का इतिहास सिंधु सभ्यता से चार हजार साल यानी ईसा पूर्व,पहले यानी अब तक साडे छः हजार साल पहला और जो अपने को मूल निवासी बताते हैं उनका इतिहास आठ सौ साल पुराना है।उपनल उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड संस्था के लोगों को निम्न प्रकार के आरक्षण दिए जाते हैं।जैसे-राज्य आंदोलनकारी आरक्षण
मूल निवासी आरक्षण,खिलाड़ियों का आरक्षण,सैनिकों के बच्चों ग्रहणियों शिक्षा आवास में आरक्षण,ओबीसी आरक्षण,यूपी में जो आरक्षण 27 से 50% होता था,जो अब घटाकर 14% कर दिया गया है और इसमें भी उत्तराखंड की कई जातियां शामिल कर दी गई है,यह सब सौतेला व्यवहार जिला हरिद्वार के साथ लगातार किया जा रहा है।इस पर अब हम चुप नहीं बैठेंगे।किसान मजदूर संगठन सोसाइटी के समस्त पदाधिकारी व सदस्यों ने लोगों से एकजुट होकर इसकी जानकारी घर-घर जाकर देंगे,ताकि जिला हरिद्वार को सौतेले व्यवहार से बचाया जाएगा।




