
रुड़की, 15 नवम्बर 2025 — किड्स प्लैनेट स्कूल, रुड़की ने बच्चों को व्यवहारिक शिक्षा से जोड़ने की एक सराहनीय पहल की। स्कूल के नन्हे विद्यार्थियों ने फेडरल बैंक, रुड़की शाखा का भ्रमण किया, जहां उन्होंने आधुनिक बैंकिंग प्रक्रियाओं को नज़दीक से समझा। इस शैक्षणिक गतिविधि का उद्देश्य बच्चों को वास्तविक जीवन में उपयोग होने वाली वित्तीय प्रणालियों के बारे में जागरूक करना था।
बैंक पहुंचने पर बच्चों ने बड़े उत्साह के साथ विभिन्न बैंकिंग सेवाओं का अवलोकन किया। बैंक कर्मचारियों ने बच्चों को बताया कि एटीएम मशीन कैसे काम करती है और इससे पैसे कैसे निकाले जाते हैं। इसके बाद बच्चों को कैश काउंटिंग मशीन दिखाई गई, जिसमें नोटों की तेज़ और सटीक गिनती कैसे होती है, यह समझाया गया। साथ ही बच्चों को कैश डिपॉजिट व कैश विदड्रॉ की प्रक्रियाओं का व्यावहारिक ज्ञान भी दिया गया। इस दौरान बच्चों ने कई प्रश्न पूछे, जिनका बैंक स्टाफ ने सरल व रोचक तरीके से उत्तर दिया।
स्कूल के प्रबंधक पंकज नंदा ने जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण बच्चों के ज्ञान में महत्वपूर्ण वृद्धि करते हैं। उन्होंने बताया कि किड्स प्लैनेट स्कूल में हमेशा से पुस्तकों की शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक व सामान्य ज्ञान से जुड़े कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने कहा, “बच्चों को वास्तविक जीवन की प्रक्रियाओं से परिचित कराना बेहद जरूरी है। इस तरह की गतिविधियाँ उनके आत्मविश्वास को बढ़ाती हैं और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करती हैं।”
फेडरल बैंक के प्रबंधक भंवर भाटिया और बैंक के अधिकारी अमित ठाकुर ने बच्चों काल हार्दिक स्वागत किया और बाल दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्हें बैंक की विभिन्न प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए छोटे-छोटे उपहार भी भेंट किए। बैंक स्टाफ द्वारा दिखाए गए स्नेह और सहयोग ने इस अवसर को और भी विशेष बना दिया।
बैंक के इस शैक्षणिक भ्रमण में शामिल बच्चों में गौरांश धीमान, समर्थ सैनी, जैरथ, भाव्यांश, यश, स्माइली, हरनूर सिंह, आदित्य, आदित्य लहरा, जीवांश जुल्का, पार्थ, वरदान, माणिक, लैविश, सिमरन, आयुष कश्यप, गुंजन, निशा आदि बच्चे शामिल रहे। सभी बच्चों ने इस अनुभव को रोचक, उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया।
किड्स प्लैनेट स्कूल द्वारा बाल दिवस के अवसर पर किया गया यह प्रयास बच्चों में सीखने की जिज्ञासा बढ़ाने और उन्हें व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।




