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सामाजिक समरसता की दिशा में मातृ शक्ति में अपने दायित्वों का बोध जागृत होना चाहिए सप्तशक्ति संगम मातृ सम्मेलन की श्रृंखला में आज प्रथम मातृ सम्मेलन पूर्ण हुआ

रूड़की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज आनंद स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर रुड़की का केशव भवन सभागार मातृशक्ति की गरिमा और प्रेरणा से प्रकाशवान हुआ। विद्यालय में आयोजित होने वाले सप्तशक्ति संगम मातृ सम्मेलन की श्रृंखला में आज प्रथम मातृ सम्मेलन पूर्ण हुआ जिसमें आस्था संस्कृति और राष्ट्रभाषा की अद्भुत त्रिवेणी देखने को मिली।

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती ओमना तोमर ने की तथा वक्ता के रूप में डॉ राखी पंचोला डोईवाला से एवं डॉ भारती शर्मा रुड़की सनातन धर्म स्नातकोत्तर कॉलेज की गरिमामयी उपस्थिति रही, कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती शमा अग्रवाल रही एवं कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉक्टर भावना शर्मा ने किया।

     सर्वप्रथम भारत माता एवं माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। पंच परिवर्तन, स्वबोध, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य और पर्यावरण चेतना जैसे जीवनदायिनी विषयों पर आधारित यह संगम समाज में नव प्रेरणा का संचार करता रहा। मुख्य वक्ता डॉ राखी पंचोला ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में उपस्थित मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि वात्सल्य की सीमा को असीम बनाने के मृदुल सामर्थ्य को ही मातृत्व कहा जाता है भारत के विकास में महिलाओं का अद्वितीय योगदान सदैव रहा है, भावी पीढ़ी का निर्माण पालन पोषण एवं दिशा निर्देशन का कार्य उनमें

संस्कार आरोपित करने का कार्य माता ही करती है अपने इस महान कर्तव्य को मातृशक्ति को कुशलता पूर्वक निर्वहन करना चाहिए, प्राचीन भारत में गार्गी,मैत्रेयी, अनुसूइया, महान माता जीजाबाई जैसी वीर माताओं ने राष्ट्र को अपने कर्तव्य निर्वहन द्वारा दिशा प्रदान की। कार्यक्रम में वक्ता डॉ भारती शर्मा ने कुटुंब व्यवस्था एवं पर्यावरण के प्रति मातृ शक्ति को कर्तव्य बोध कराया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र, समाज में परिवर्तन की दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य, कुटुंब प्रबोधन एवं स्वर का बोध व सामाजिक समरसता की दिशा में मातृ शक्ति में अपने दायित्वों का बोध जागृत होना चाहिए।

   विद्यालय की संगीत आचार्या नेहा चड्डा एवं सोनू शाक्य के निर्देशन में छात्राओं ने दो गीत प्रस्तुत किये , समाज की प्रेरणादायी महिलाओं की छवि का प्रदर्शन करते हुए छात्राओं कोमल, अदिति, अंशिका, निशिता ने कल्पना चावला, गौरा देवी, तीलू रौतेली एवं बछेंद्री पाल की भूमिका का मंचन किया।

      कार्यक्रम में समाज एवं राष्ट्रहित में विशिष्ट कार्य करने वाली माताओं श्रीमती मोनिका, शिमला देवी, शालू शर्मा, बहन दिव्या एवं समाजसेवी नीलम मधोक को विशिष्ट सम्मान प्रदान किया गया।

   कार्यक्रम संयोजिका के रूप में आचार्या भावना त्यागी, कामना भारद्वाज, नीरू बढेरा, नमिता गर्ग, पूजा शर्मा चंद्रिका, कृष्णा, इंदु रावत, विशाखा शर्मा, अंजू जी, प्रिया गोयल, शालू चौधरी आदि बहनों ने विशेष सहयोग किया। कार्यक्रम अध्यक्षा ओमना तोमर ने बताया कि यह आयोजन केवल शताब्दी वर्ष की गौरव गाथा का उत्सव नहीं बल्कि मातृ शक्ति के संकल्पों से एक नए समाज और सशक्त भारत के निर्माण का भी संदेश दे रहे हैं। यह संगम केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि मातृ शक्ति के अदम्य साहस, त्याग और संकल्प का जीवंत दस्तावेज हैं।

कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती शमा अग्रवाल जी ने बताया कि यह कार्यक्रम 23 जनवरी वसंत पंचमी तक अनवरत आयोजित होंगे।

SAMARTH DD NEWS

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