
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित गंगा महोत्सव कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए प्रोफेसरों, गंगा प्रेमियों और पर्यावरणविदों ने हिस्सा लिया। इस दौरान गंगा स्वच्छता को लेकर भी विचार किया गया।
महोत्सव में पद्मश्री एमसी. मेहता ने कहा कि गंगा हमारी राष्ट्र की पहचान है। इसकी स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखना हर भारतीय का परम दायित्व है। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए धन नहीं, बल्कि सच्ची नियत की आवश्यकता है। हर नागरिक को गंगा को निर्मल बनाए रखने की शपथ के साथ पौधारोपण करना चाहिए और गंगा को प्रदूषित करने वाले स्त्रोतों की पहचान कर उनके निस्तारण के लिए ठोस नीति बनानी होगी। कार्यक्रम के संयोजक डा. शंभू नौटियाल ने बताया कि जब से गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया है, तब से गंगा विश्व धरोहर मंच हर वर्ष इस दिन को गंगा महोत्सव के रूप में मनाता आ रहा है। महोत्सव के तहत गंगा घाट
गुरुकुल कांगड़ी समविवि में गंगा महोत्सव के दौरानराष्ट्रीय गंगा नदी दिवस के अवसर पर हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षक संजय वत्स को सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद् और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पदमश्री विभूषित एम.सी. मेहता द्वारा ‘गंगा सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया गया। संजय वत्स को गंगा के प्रति समर्पित भावना से अपने साहित्यिक लेखन और शोध कार्यों के माध्यम से निरंतर जनजागरण का कार्य के लिये तथा उनके लेखन में गंगा की आध्यात्मिकता, सांस्कृतिकता और पर्यावरणीय चेतना का गहरे समन्वय हेतु पुरस्कृत किया गया।
इससे पूर्व प्रेम नगर आश्रम हरिद्वार के घाट पर
पूजा-अर्चना, स्वच्छता अभियान, योग सत्र और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। डा. डराकेश भूटानी और
डा. किशोर चौहान ने गंगा के महत्व, उसके वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक आधार पर विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पऱ श्रीमति मंजीरा देवी विश्वविद्यालय,उत्तरकाशी(उत्तराखंड) के कुलाधिपति डा. हरिशंकर नौटियाल, नमामि गंगे के प्रदेश सहसंयोजक पवन नौटियाल, पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल, डा. टकपिल पवार, अरविंद कुड़ियाल, ओमकार बहुगुणा, माधव जोशी, डा. कपिल प्रमोद शर्मा, नारायण सिंह राणा मौजूद रहे। इस अवसर पर गंगा के प्रति पर्यावरण, पत्रकारिता, धार्मिक आस्था की दृष्टि से समर्पित अलग अलग क्षेत्र के अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया।





















