Latest Update

दिवाली का अवसर पांच दिनों तक चलता है, और प्रत्येक दिन का अपना अनूठा महत्व, परंपराएं और पूजा-विधि होती हैं। दिवाली 2025 का संपूर्ण कैलेंडर।

 दिन तिथि त्योहार

पहला दिन 18 अक्टूबर धनतेरस

दूसरा दिन 20 अक्टूबर छोटी दिवाली (नरक चतुर्दशी)

तीसरा दिन 20 अक्टूबर दिवाली और लक्ष्मी पूजा

चौथा दिन 22 अक्टूबर गोवर्धन पूजा

पांचवां दिन 23 अक्टूबर भाई दूज

पहला दिन: धनतेरस

त्योहारों की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है। इस दिन भक्त धन और समृद्धि के लिए भगवान कुबेर और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस शुभ अवसर पर सोना, चांदी या नए घरेलू सामान खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।

दूसरा दिन: नरक चतुर्दशी

दिवाली की पूर्व संध्या पर नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली भी कहते हैं, मनाई जाती है। यह त्योहार भगवान कृष्ण द्वारा असुर नरकासुर पर विजय का प्रतीक है, जो जीवन से नकारात्मकता और अंधकार को मिटाने का संकेत देता है।

तीसरा दिन: दिवाली

त्योहार का मुख्य आकर्षण तीसरा दिन दिवाली है। यह दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। शाम को लोग लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते हैं, मिट्टी के दीये जलाते हैं और अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं।

चौथा दिन: गोवर्धन पूजा

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है, जो उस दिन का सम्मान करती है जब भगवान कृष्ण ने इंद्र देव के क्रोध से मथुरावासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था।

पांचवां दिन: भाई दूज

भाई दूज पांच दिवसीय उत्सव का अंतिम दिन है, जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं, और भाई उन्हें उपहार देकर अपने स्नेह का आदान-प्रदान करते हैं, जिसके साथ यह उत्सव एक मधुर अंत पर पहुंचता है।

SAMARTH DD NEWS

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

SAMARTH DD NEWS