
आज भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन पूरे भारतवर्ष में रक्षाबंधन का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया गया इसी क्रम में रुड़की भी अछूता नहीं रहा रुड़की में भी बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर बड़े प्यार से राखी बांधी एवं मिठाई खिलाई। थोड़ा बहुत प्रभाव भद्रा का देखने को मिला। परंतु फिर भी सुबह से ही बहनों ने भाइयों के कलाई पर राखी बांधना शुरू किया। एवं उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना की।
जैसा की पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है कि जिस समय भगवान श्री कृष्ण ने द्रोपदी की रक्षा की उस समय द्रौपदी ने अपना अंग वस्त्र फाड़कर भगवान श्री कृष्ण के हाथ पर बांधा और भविष्य में अपनी सुरक्षा का वचन भगवान श्री कृष्ण से लिया। तभी से रक्षाबंधन के पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व सीधा भगवान कृष्ण से जुड़ा है इसलिए लोगों ने अपने घर में पहले लड्डू गोपाल एवं राधा रानी को रक्षा सूत्र बांधा और उसके बाद त्यौहार की शुरुआत की।

श्री कृष्ण के रक्षा सूत्र बांधने के पश्चात भद्रा का असर न होने की बात शास्त्रों में भी बताई गई है। अतः आज के इस पावन पर्व पर सभी ने बड़े हर्षोल्लास के साथ एक दूसरे के साथ प्रेम बांटा। और इसी के साथ सनातन धर्म के पर्वों का शुभारंभ भी हो गया।
