देश के महान समाज सुधारक तथा दलितों, पिछड़ों एवं महिलाओं को शिक्षा का अधिकार दिलाने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर आज रुड़की स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले सैनी धर्मशाला में एक भावपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुॅंवर सौ सिंह सैनी द्वारा लिखित पुस्तक ‘सामाजिक क्रांति प्रणेता महात्मा ज्योतिबा फुले’ का भी विधिवत रूप से लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में सर्व समाज के अनेक गणमान्य लोग , साहित्यकार तथा शिक्षाविद शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता जाने-माने शिक्षाविद तथा स्कॉलर्स एकेडमी के चेयरमैन श्री श्याम सिंह नागयान द्वारा की गई तथा कार्यक्रम का संचालन सुविख्यात ओज के कवि श्री किसलय क्रांतिकारी द्वारा किया गया। मंच पर पुस्तक के लेखक कुॅंवर सौ सिंह सैनी, योगाचार्य श्री राम कुमार राम, वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेंद्र कुमार सैनी ,डा.संजीव कुमार सैनी तथा सैनी धर्मशाला के अध्यक्ष श्री समय सिंह सैनी उपस्थित रहे। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र कुमार सैनी द्वारा मधुर कंठ से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात सभी मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया तथा मुख्य अतिथि श्री श्याम सिंह नागयान द्वारा पुस्तक के लेखक कुॅंवर सौ सिंह सैनी का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया। उसके बाद सभी आगंतुकों ने महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का संचालन करते हुए वरिष्ठ ओज के कवि किसलय क्रांतिकारी द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया गया, उन्होंने बताया कि कितने संघर्षों के बाद महात्मा ज्योतिबा फुले ने दलितों, पिछड़ों तथा महिलाओं के लिए शिक्षा के द्वारा खोले थे। इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार सैनी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने कहा है कि जब स्कूल की घंटी बजती है तो वह यह संदेश देती है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता की ओर बढ़ रहे हैं अतः हम सबको महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर धार्मिक पाखंडों से ऊपर उठकर स्कूल में जाकर तर्कपूर्ण एवं वैज्ञानिक शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए जो हमें अच्छे और सम्मानित नागरिक बनाने में सहायक होगी। इस अवसर पर योगाचार्य रामकुमार राम ने अपने उद्बोधन में कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले जैसे महान समाज सुधारकों पर पुस्तक लिखना एक बहुत ही सराहनीय कार्य है। जिसके लिए लेखक सौ सिंह सैनी बधाई के पात्र हैं लेकिन साथ ही साथ पुस्तक लिखने का वास्तविक उद्देश्य तभी प्राप्त हो सकेगा जब लिखी गई पुस्तक का प्रचार प्रसार आम जनता तक किया जाए। अपने अध्यक्षीय भाषण में श्री श्याम सिंह नागयान ने एक सामाजोपयोगी पुस्तक लिखने के लिए सौ सिंह सैनी को बधाई दी तथा उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अविस्मरणीय योगदान को जन-जन तक पहुंचने में यह पुस्तक सहायक सिद्ध होगी। महात्मा ज्योतिबा फुले तथा उनकी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले ने दलितों ,पिछड़ों , वंचितों तथा महिलाओं की शिक्षा के लिए कितनी विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष कर उन्हें शिक्षित करने का बीड़ा उठाया इसका जीवंत वर्णन इस पुस्तक में लेखक द्वारा किया गया है जो निश्चय ही पढ़ने योग्य है। इस अवसर पर सैनी धर्मशाला के अध्यक्ष समय सिंह सैनी, डॉ. संजीव कुमार सैनी, नरेंद्र सैनी, श्रीमती पिंकी सैनी, रणवीर सिंह रावत तथा राजकुमार सैनी आदि ने भी अपने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम के अंत में पुस्तक के लेखक तथा वरिष्ठ साहित्यकार कुंवर सौ सिंह सैनी द्वारा सभी आगंतुको का आभार ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में सर्वश्री संदीप सैनी ,अजय कुमार सैनी, निशांत सैनी, श्रीमती मिथिलेश सैनी, अभिनव सैनी, बृजेश सैनी, निशिका सैनी ,मांगेराम सैनी, श्रीमती रेखा सैनी, श्रीमती प्रियंका सैनी तथा राजपाल सिंह आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।