
रुड़की। वर्ष 1994 में पुलिस की गोलीबारी में शहीद हुये खटीमा एवं मसूरी के उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को आज शिव चौक अशोक नगर बुचडी फाटक पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी सतीश नेगी तथा राजेंद्र सिंह रावत ने कहा की उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की शहादत और महिलाओं की अस्मिता की बालि बेदी से हुआ है। राज्य आंदोलनकारियों का त्याग संघर्ष एवं बलिदान कभी बेकार नहीं जाएगा और हमारा संकल्प है कि हम राज्य के शहीदों के सपनों का उत्तराखंड का निर्माण कर यहां की जल जमीन जंगल की रक्षा करें और यहां की जवानी को एक नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट में 10% आरक्षण के बिल को पास करवा कर शहीदों के सपनों को पूरा करने का एक कार्य किया जिसका हम सभी लोग स्वागत करते हैं। निकट भविष्य में राज्य के लिए तथा राज्य आंदोलनकारी के लिए हम लोग लगातार संघर्षरत रहेंगे। चिन्हिकरण से वंचित रह गए राज्य आंदोलनकारियों के लिए हर संभव लड़ाई लड़ी जाएगी जब तक की सभी राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण ना हो जाए। सरकार से यह भी मांग है की 1994 के गुनहगारों को जल्दी से जल्दी फांसी की सजा दी जाए उसके लिए सरकार को दमदार पैरवी भी करनी पड़ेगी।अंत में शहीदों को 2 मिनट का मौन रखकर भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रदेश अध्यक्ष सतीश नेगी, चिन्हित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी प्रदेश संरक्षक राजेंद्र सिंह रावत, जगदीश खड़ायत,नरेंद्र गोसाई, आनंद रावत, राजेंद्र सिंह रावत, विनोद नेगी, श्रीमती कांति नेगी, पार्वती रावत,सरोज बड़थ्वाल, दर्शनी देवी पालीवाल, राजेश ढोडियार, योगम्बर सिंह रोथान, महावीर प्रसाद डोभाल, ओमप्रकाश भट्ट, सत्यपाल सिंह रावत, अरविंद भट्ट, संजय भट्ट, जसराम ढोडियाल, शिव सिंह रावत, शिवचरण बिंजोला, गुरु डोभाल , भूपेंद्र सिंह रावत ,भारत सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।